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Indian Railway : कोरोना काल के बाद यात्रियों को फिर मिलेगा बेडरोल, तैयारी में जुटा रेलवे

Indian Railway कोरोना संक्रमण वजह से किए लाकडाउन के दौरान ट्रेनों का संचलन बंद था। दोबारा संचलन शुरू होने पर संक्रमण रोकने के लिए रेलवे ने बेडरोल देना बंद कर दिया था। ट्रेनों का संचलन सामान्‍य होने के बाद यात्रियों को बेड रोल देने का फैसला किया है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 06:36 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 10:53 PM (IST)
Indian Railway : कोरोना काल के बाद यात्रियों को फिर मिलेगा बेडरोल, तैयारी में जुटा रेलवे
रेलवे ने वातानुकूलित कोच के यात्रियों को फिर से बेडरोल देने का निर्णय लिया है। - प्रतीकात्‍मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एक्सप्रेस ट्रेनों को पुराने नंबर से चलाने के बाद रेलवे प्रशासन वातानुकूलित श्रेणी के यात्रियों को बेडरोल (चादर, कंबल, तौलिया और तकिया आदि) देने की तैयारी भी करने लगा है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में बेडरोल के स्टाक की गडऩा शुरू हो गई है। देखा जा रहा है कि बेडरोल उपयोग लायक है या नहीं। अधिकतर बेडरोल उपयोग लायक नहीं है। ऐसे में उपयोग लायक बेडरोल की धुलाई भी शुरू हो गई है। कम पडऩे पर खरीदारी के लिए टेंडर की भी योजना बन रही है। ताकि, रेलवे बोर्ड का दिशा-निर्देश मिलते ही यात्रियों को बेडरोल उपलब्ध कराया जा सके।

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करोड़ों के बेडरोल कंडम होने के कगार पर

भारतीय रेलवे में करोड़ों के बेडरोल कंडम होने के कगार पर हैं। 23 मार्च 2020 से ही उनका उपयोग नहीं हो रहा है। जानकारों के अनुसार गोरखपुर स्थित मैकेनाइज्ड लाउंड्री में ही लगभग 55 हजार चादरों की उम्र पूरी हो चुकी है। करीब 15 हजार कंबल के अलावा तौलिया और तकिये भी पड़े हैं। उनकी क्वालिटी परखी जा रही है। कंबल का प्रयोग चार और चादर का अधिकतम दो साल तक किया जा सकता है। लेकिन डेढ़ साल से अधिक हो गए, बेडरोल लाउंड्री से निकले ही नहीं। हालांकि, बीच में रेलवे प्रशासन ने कंबलों और चादरों का उपयोग अस्पतालों और रनिंग रूम में कर दिया था।

लाकडाउन के दौरान लाउंड्री में रखे गए थे बेडरोल

दरअसल, पिछले साल लाकडाउन के साथ बेडरोल भी लाउंड्री में रख दिए गए। एक जून 2020 से स्पेशल के रूप में ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया। लेकिन रेलवे बोर्ड ने कोविड प्रोटोकाल का हवाला देते हुए वातानुकूलित बोगियों से बेडरोल हटा लिया। पर्दे भी हट गए। अब स्थिति सामान्य होने के बाद सभी ट्रेनें चलने लगी हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में ही गोरखपुर सहित 70 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनें चलने लगी हैं। इन ट्रेनों में वातानुकूलित कोच भी बढऩे लगे हैं।

ठंड के बावजूद नहीं मिल रहा बेडरोल

ठंड ने भी दस्तक दे दी है। लेकिन बेडरोल नहीं मिल रहा। ऐसे में यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई है। लोगों को बेडरोल की जरूरत महसूस होने लगी है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद कुमार राय ने रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों में यात्रियों को यथाशीघ्र बेडरोल उपलब्ध कराने की मांग भी की है।

रेलवे स्टेशन पर खुला स्टाल भी बंद

रेलवे प्रशासन ने स्टेशनों पर निर्धारित कीमत पर डिस्पोजल बेडरोल की बिक्री की योजना तैयार की है। गोरखपुर में भी स्टाल खुला था लेकिन वह भी पिछले माह बंद हो गया। अब लोगों को खरीदने पर भी बेडरोल नहीं मिल रहे हैं।


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