काम शुरू होने के बाद गीडा का 50 करोड़ पीडब्लूडी के खाते में गया, अधिकारी हैरत में Gorakhpur News
शासन के निर्देश पर गीडा ने अवस्थापना सुविधाओं के उचीकरण के लिए 71 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव का परीक्षण कराकर 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य करा रहे गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) को तगड़ा झटका लगा है। गीडा के लिए स्वीकृत इस बजट को पीडब्लूडी के खाते में भेजने का निर्णय लिया गया है, जिससे विकास कार्य रुकने की आशंका है।
टेंडर के बाद कार्य हो गया शुरू
प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद धन की प्रत्याशा में गीडा की ओर से टेंडर जारी किया गया और टेंडर पाने वाली फर्मों ने काम शुरू भी करा दिया है। आनन-फानन में गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की ओर से शासन को पत्र लिखकर निर्णय में संशोधन करते हुए धन गीडा को अवमुक्त करने का अनुरोध किया गया है।
गीडा ने 71 करोड़ का भेजा था प्रस्ताव
शासन के निर्देश पर गीडा ने अवस्थापना सुविधाओं के उ'चीकरण के लिए 71 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था। शासन की ओर से इस प्रस्ताव का परीक्षण कराकर 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। राज्यपाल की ओर से उत्तर प्रदेश अवस्थापना कोष-2014 से भी इसकी स्वीकृति दे दी गई। बैंक खाते का विवरण मांगने पर गीडा की ओर से उपलब्ध करा दिया गया।
गीडा की तरफ से ये हो रहे कार्य
गीडा के सूत्रों की मानें तो अब चेक मिलने वाला था। पैसा मिलने की प्रत्याशा में गीडा की ओर से विभिन्न सेक्टरों में प्लास्टिक वेस्ट मिक्स्ड सड़क, आंतरिक सड़क चौड़ीकरण, सड़क मरम्मतीकरण, नाली निर्माण का टेंडर निकाल कर काम शुरू करा दिया गया। इसके साथ ही जल व्यवस्था केलिए सुदृढ़ीकरण व उ'चीकरण का अनुबंध भी हो चुका है। विकास कार्यों की जांच के लिए गीडा ने राइट्स लिमिटेड के साथ अनुबंध भी कर लिया है।
एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा गीडा
स्वीकृत हो चुकी धनराशि पीडब्लूडी के खाते में जाने से रोकने के लिए गीडा की ओर से एड़ी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है। धन न मिलने पर फर्मों को भुगतान में भी दिक्कत हो सकती है।
शासन को भेजा गया प्रस्ताव
गीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अशोक कुमार सिंह का कहना है कि प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद टेंडर कराकर कार्य कराया जा रहा है। स्वीकृत धन गीडा को देने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।