कुशीनगर में रिश्वत मांगने पर दारोगा लाइन हाजिर, देवरिया में घूस की रकम लौटानी पड़ी और सस्पेंड भी हो गए Gorakhpur News
कुशीनगर में रिश्वत मांगने पर एक दारोगा लाइन हाजिर हो गया। जबकि देवरिया में घूस की रकम लौटानी पड़ी और सस्पेंड भी हो गए दारोगा जी।
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले में एक दारोगा को रिश्वत मांगने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया और देवरिया में एक दारोगा को घूस की रकम की रकम लौटानी पड़ी। उसे निलंबित कर दिया गया।
हुआ था आडियो वायरल
जांच के नाम पर रिश्वत मांगने व अपशब्द बोलने वाले कुशीनगर जिले के पटहेरवा थाना के दारोगा को एसपी विनोद कुमार मिश्र ने लाइन हाजिर कर दिया। पटहेरवा थाने में डायल 100 में तैनात दारोगा का आडियो गुरुवार देर शाम को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। दरअसल कुशीनगर जिले के पटहेरवा क्षेत्र के गांव नत्थापट्टी में दो पक्षों के बीच भूमि विवाद चल रहा। ओडियो में एक पक्ष एसआइ से संपर्क साध मदद मांग रहा है। दारोगा काम कराने का आश्वासन देते हुए एक हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा है। इतना ही नहीं वे एक अन्य पुलिसकर्मी, प्रधान व दूसरे पक्ष को अपशब्द भी कह रहा है। एसपी ने बताया कि मामले की जांच सीओ तमकुहीराज को सौंपी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
देवरिया में बुरे फंसे दारोगाजी, घूस लौटानी पड़ी और निलंबित भी हो गए
देवरिया जिले के तरकुलवा थाने के एक दारोगा को घूस लेना भारी पड़ गया। दारोगा को न सिर्फ घूस की रकम वापस करनी पड़ी, बल्कि निलंबन की कार्रवाई भी झेलनी पड़ी।थाना क्षेत्र के गांव कंचनपुर निवासी रामवृक्ष जायसवाल की कंचनपुर में कबाड़ की दुकान है। बीती चार मई को उनका पुत्र जयप्रकाश दुकान पर खड़ा था। इसी बीच एक ट्रैक्टर ने उन्हें रौंद दिया। इसकी जांच उप निरीक्षक हरिलाल राव को सौंपी गई। जांच जल्द पूरी करने के लिए विवेचक ने मृतक के भाई ओमप्रकाश से रुपये की मांग की। किसी तरह उसने 2970 रुपये विवेचक को दिये। बावजूद इसके दारोगा ने जांच में कोई तेजी नहीं दिखाई। पीडि़त लगातार थाने के चक्कर लगाता रहा। 31 अगस्त को जब एसपी निरीक्षण के लिए थाने पहुंचे तो ओमप्रकाश उनके सामने पेश हुआ और बताया कि साहब मुझे घूस देने का कष्ट नहीं है, दारोगाजी ने पैसा लेने के बाद दुर्घटना करने वाले ट्रैक्टर को छोड़ दिया था। इसकी पीड़ा है। एसपी डा.श्रीपति मिश्र ने बताया कि जांच में शिकायत सही पाने पर दारोगा को निलंबित किया गया है। पीडि़त को पैसा वापस करा दिया है, वहीं उसे निलंबित कर दिया गया है।