मुकदमों के निस्तारण को थानों में अलग से विवेचना इकाई, साल में 40 मुकदमों की करेगी विवेचना Gorakhpur News
डीजीपी ने प्रदेश के सभी थानों में इस इकाई का अविलंब गठन करने का निर्देश दिया है। जिन थानों में इंस्पेक्टर अपराध नियुक्त नहीं है वहां तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षक इसका प्रभारी होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। मुकदमों की बेहतर विवेचना के लिए अब हर थाने में अलग से विवेचना इकाई का गठन किया जाएगा। थाने के इंस्पेक्टर अपराध इस इकाई के प्रभारी होंगे। इस टीम में एक सिपाही और छह महिला सिपाही शामिल होंगी। एक साल में इस टीम को कम से कम 40 मुकदमों की विवेचना करनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट में चल रहे मुकदमों की पैरवी और जमानतदारों का सत्यापन का काम भी इस टीम के जिम्मे होगा।
थानों में तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षक होंगे प्रभारी
डीजीपी ने प्रदेश के सभी थानों में इस इकाई का अविलंब गठन करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में भेजा गया उनका पत्र मिलने के बाद एसएसपी डा. सुनील गुप्त ने जनपद के सभी थानों में इसका गठन करने का निर्देश दिया है। जिन थानों में इंस्पेक्टर अपराध नियुक्त नहीं है, उन थानों में तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षक इस इकाई का प्रभारी होगा।
यह होगा कार्य
कई बार जमानत पर छूटने के बाद आरोपित जमानत की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन करने लगते हैं। इस संबंध में जानकारी होने या शिकायत मिलने पर यह इकाई आरोपित की जमानत निरस्तीकरण की कार्रवाई भी करेगी।
सीधे सीओ को भेजा जाएगा केस डायरी
मुकदमों की विवेचना पूरी कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने के लिए टीम के प्रभारी मुकदमे की केस डायरी सीधे सीओ के पास भेज देंगे। सीओ स्तर से आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस इकाई के गठन से एक तो संगीन मामलों की विवेचना जल्दी पूरी हो जाएगी।
सिर्फ दो साल की होगी तैनाती
इस इकाई में पुलिस वालों की तैनाती दो साल के लिए होगी। इसके साथ ही विवेचना में किसी तरह की चूक होने की आशंका भी कम रहेगी। एसएसपी डॉ. सुनील गुप्त ने बताया कि सभी थानों में बहुत जल्दी इस इकाई का गठन कर लिया जाएगा।