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Gorakhpur News: बीआरडी में बुधवार से हो सकेगी एंटीबाडी की सटीक जांच Gorakhpur News

अभी तक गंभीर कोरोना मरीजों के लिए संक्रमण से उबर चुके लोग फातिमा में जाकर प्लाज्मा दान करते थे। इसके पूर्व उनकी एंटीबाडी की एलाइजा जांच होती थी। यह जांच केमील्युमिनेसेंस मशीन से होती थी। जो प्रामाणिक नहीं होती है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 08:11 PM (IST)
डाक्‍टरी परीक्षण से संबंधित प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में अब प्लाज्मा दान किया जा सकेगा। साथ ही कोरोना या अन्य बीमारियों की एंटीबाडी की सटीक जांच की जा सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्लाज्मा निकालने वाली एफेरेसिस व एंटीबाडी की जांच करने वाली केमील्युमिनेसेंस मशीन का आनलाइन उद्घाटन किया।

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अभी तक गंभीर कोरोना मरीजों के लिए संक्रमण से उबर चुके लोग फातिमा में जाकर प्लाज्मा दान करते थे। इसके पूर्व उनकी एंटीबाडी की एलाइजा जांच होती थी। यह जांच केमील्युमिनेसेंस मशीन से होती थी। जो प्रामाणिक नहीं होती है। अब प्रामाणिक जांच के लिए मशीन लग गई है। फिलहाल अभी इस नई एफेरेसिस मशीन से किसी का प्लाज्मा नहीं लिया गया है।

दो दिन में 10 लोगों का प्‍लाज्‍मा लेने का लक्ष्‍य

बुधवार को इंजीनियर आएंगे, उनकी उपस्थिति में प्लाज्मा निकाला जाएगा। इसके लिए दानदाताओं को बुलाया गया है। बुधवार व गुरुवार को 10 लोगों का प्लाज्मा लेने का लक्ष्य रखा गया है। कोविड-19 महामारी से बचाव व रोकथाम के मद्देनजर एफेरेसिस व केमील्युमिनेसेंस मशीन पहले ही आ चुकी। उन्हें स्थापित किया जा चुका है। लाइसेंस मिल चुका है। अब कोविड-19, डेंगू एवं अन्य वायरस जनित रोगों की सटीक जांच हो सकेगी। इस अवसर पर सदर सांसद रवि किशन, ग्रामीण विधायक विपिन सिंह, पिपराइच के विधायक महेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ इंद्रजीत सिंह, बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार, नेहरू अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक एसपी सिंह, पैथोलाजी विभाग की अध्यक्ष डा. शैला मित्रा व रक्त कोष प्रभारी डा. राजेश कुमार राय उपस्थित थे।

एलाइजा व केमील्युमिनेसेंस में अंतर

एलाइजा जांच में तीन से चार घंटे का समय लगता है। बीआरडी में सेमीओटोमेटेड मशीन है। इसलिए मानवीय भूल की आशंका बनी रहती है। इसमें सीरम डालने के बाद लगातार एक लैब टेक्नीशियन को निगरानी करनी पड़ती है। केमील्युमिनेसेंस मशीन में सीरम डालने के बाद आधा घंटे से कम समय में एंटीबाडी का सटीक निष्कर्ष सामने आ जाएगा।


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