CAA Protest in Gorakhpur : आक्रोश व्यक्त करने के लिए निकाला गया शांति जुलूस हिसंक विरोध में बदल गया Gorakhpur News
शुरूआत में पुलिस को शांत देखकर जुलूस में शामिल युवाओं का आक्रोश शांत होने की बजाय बढऩे लगा। वरिष्ठ लोगों की ओर से दिए गए आश्वासन की भी उन्हें कोई चिंता नहीं रही।
गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लोकतांत्रिक तरीके से शुरू हुए विरोध जुलूस का कोई नेता नहीं था। नेतृत्व के अभाव में युवकों की भीड़ बेकाबू हुई और जमकर बवाल हुआ। जामा मस्जिद में नमाज संपन्न होने के बाद युवा मस्जिद के बाहर एकत्रित होने लगे। नारेबाजी शुरू हुई तो पुलिस भी वहां पहुंच गई। नमाजियों में शामिल मुस्लिम समाज के कुछ संभ्रांत लोगों ने यह भरोसा दिलाया कि कोई गड़बड़ी नहीं होगी। युवा आक्रोशित हैं, लोकतांत्रिक तरीके से आक्रोश व्यक्त करने के बाद शांत हो जाएंगे। उन्होंने पुलिस से दूर रहने की अपील की और शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी ली।
शांत थी पुलिस
शुरूआत में पुलिस को शांत देखकर जुलूस में शामिल युवाओं का आक्रोश शांत होने की बजाय बढऩे लगा। वरिष्ठ लोगों की ओर से दिए गए आश्वासन की भी उन्हें कोई चिंता नहीं रही। उनके बीच भी कोई ऐसा नहीं था जो उन्हें नियंत्रित कर सके। उनका आक्रोश शांत होने की बजाय बढ़ता ही गया और अंत में ङ्क्षहसक हो गया।
मदीना मस्जिद के पास काफी देर तक प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ नारेबाजी हुई। भीड़ जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई, अलग-अलग दिशाओं में बंटती रही। थोड़ी ही देर बाद ङ्क्षहसक रूप धारण कर लिया। ङ्क्षहसा एक बार शुरू हुई तो बढ़ती ही गई और पुलिस को उनपर बल प्रयोग करना पड़ा।
सक्षम अधिकारियों की बात पर भी नहीं था भरोसा
किसी आंदोलन का नेतृत्व होने पर बातचीत से कई मामले हल हो जाते हैं लेकिन भीड़ में शामिल युवा किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे। सिविल डिफेंस के उपनियंत्रक की पहचान को लेकर एडीएम सिटी की बात भी नहीं मानी। भीड़ में से कुछ मानना भी चाहते तो अन्य बात मानने से इनकार कर देते थे।