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गोरखपुर में बनेगा 50 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल, सभी पैथी से होगा इलाज Gorakhpur News

आयुर्वेद का यह जिले का पहला 50 बेड का अस्पताल होगा। अभी तक जिले में आयुर्वेद के कुल 44 अस्पताल हैं। सबसे ज्यादा बेड के तीन अस्पताल हैं जिनमें 15-15 बेड हैं। 35 अस्पताल चार-चार बेड के हैं। शेष में केवल ओपीडी चलती है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 06:12 PM (IST)
गोरखपुर में बनेगा 50 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल, सभी पैथी से होगा इलाज Gorakhpur News
अस्‍पतालों के डाक्‍टर का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में आयुर्वेद विभाग की देखरेख में 50 बेड का अस्पताल बनने का रास्ता साफ हो गया है। जिला प्रशासन ने इसके लिए एक एकड़ जमीन बसंतपुर खास में आवंटित कर दी है। शासन ने निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये भी जारी कर दिया है। कार्यदायी संस्था शासन द्वारा तय करने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अस्पताल का भवन चार मंजिला बनेगा। इसमें आयुर्वेद, एलोपैथ, यूनानी व होम्योपैथ की ओपीडी चलेगी तथा मरीज भर्ती किए जाएंगे। जिस मरीज को भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी, उसे संबंधित डाक्टर की निगरानी में भर्ती कर इलाज किया जाएगा।

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आयुर्वेद का 50 बेड का जिले का पहला अस्पताल होगा

आयुर्वेद का यह जिले का पहला 50 बेड का अस्पताल होगा। अभी तक जिले में आयुर्वेद के कुल 44 अस्पताल हैं। सबसे ज्यादा बेड के तीन अस्पताल हैं जिनमें 15-15 बेड हैं। 35 अस्पताल चार-चार बेड के हैं। शेष में केवल ओपीडी चलती है।

मरीजों को मिलेगा लाभ

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. प्रकाश चंद्र का कहना है कि 50 बेड के अस्पताल के लिए 10 करोड़ रुपये शासन से मिल चुके हैं। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने एक एकड़ जमीन प्रदान कर दी है। शासन से कार्यदायी संस्था तय हो जाने के बाद निर्माण शुरू हो जाएगा। इससे मरीजों को बहुत लाभ होगा।

जरूरत पड़ने पर होगा आपरेशन

बता दें कि गोरखपुर और बस्‍ती मंडल में इस तरह का चार मंजिला भवन आयुर्वेदिक अस्‍पताल के लिए नहीं बना है। यहां पर आयुर्वेदिक डाक्‍टरों के अलावा एलोपैथ, होम्‍योपैथ और यूनानी डाक्‍टर भी मरीजों को देखेंगे। एक साथ सभी पैथी के डाक्‍टरों के होने से मरीजों को लाभ मिलेगा। वह जहां चाहेंगे इलाज कराएंगे। जरूरत पड़ने पर आपरेशन भी होगा। इसी पैथी का आइएमए विरोध करता चला आ रहा है। पहली बार इस तरह का अस्‍पताल अब गोरखपुर में ही खुलने जा रहा है।


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