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सिद्धार्थनगर जिला अस्‍पताल में गायब मिले 65 चिकित्‍सक, एक डाक्‍टर थे मौजूद

स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने के लिए जिले के नोडल अधिकारी अपर निदेशक संचारी रोग मेजर डा. जीएस वाजपेयी ने सिद्धार्थनगर के संयुक्त जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डा. संजय शर्मा को छोड़ सभी चिकित्सक अनुपस्थित मिले।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 12:15 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 12:15 PM (IST)
निरीक्षण के दौरान मरीज से बात करते अपर निदेशक संचारी रोग मेजर डा.जीएस बाजपेयी व सीएमओ डा.संदीप चौधरी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने के लिए जिले के नोडल अधिकारी अपर निदेशक संचारी रोग मेजर डा. जीएस वाजपेयी ने सिद्धार्थनगर के संयुक्त जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डा. संजय शर्मा को छोड़ सभी चिकित्सक अनुपस्थित मिले। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सलिल श्रीवास्तव व सीएमएस डा. नीना वर्मा भी अनुपस्थित पाए गए। 115 के सापेक्ष सिर्फ 50 लोग मौजूद मिले। ओपीडी के किसी भी कक्ष में कोई चिकित्सक मरीज देखते नहीं मिला। वार्ड में भर्ती मरीजों ने बताया कि चिकित्सक बाहर की दवाएं लिख रहे हैं, इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। कहा कि जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी।

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अपर निदेशक संयुक्‍त जिला अस्‍पताल पहुंचे सीएमओ के साथ

अपर निदेशक संचारी डा. जीएस बाजपेयी सुबह 8.20 बजे सीएमओ डा. संदीप चौधरी के साथ संयुक्त जिला अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी के रास्ते वह अस्पताल में दाखिल हुए। इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक एवं अन्य मेडिकल स्टाफ उपस्थित मिले। इसके बाद वह सीधे लेबर रूम में पहुंचे। भर्ती मरीजों का हालचाल पूछा। मरीज ने बताया कि पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा है। दवाएं बाहर से लिखीं जा रही हैं। इसके पश्चात वह जनरल, सर्जरी वार्ड में भी गए। ओपीडी में पहुंचे तो कोई चिकित्सक अपने कक्ष में मौजूद नहीं था। अन्य स्टाफ भी गायब मिले।

निरीक्षण की जानकारी पर पहुंचे प्राचार्य व सीएमएस

निरीक्षण की जानकारी होते ही मेडिकल कालेज के प्राचार्य व सीएमएस अस्पताल पहुंचे। गंदगी के बारे में जब डा. बाजपेयी ने सीएमएस से पूछा तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में 42 स्वीपर की जगह है। इसमें मात्र 11 ही कार्यरत हैं। तीन सुपरवाइजर का पद भी रिक्त है। डा. बाजपेयी को सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर और महराजगंज का नोडल बनाया गया है। 115 के सापेक्ष 50 उपस्थित थे। शेष 65 गैरहाजिर मिले। लगभग एक घंटे के निरीक्षण में उन्होंने ओपीडी समेत सर्जिकल वार्ड, लेबर रूम का भी भ्रमण किया। बेड पर चद्दर न मिलने, बाहर से दवाएं लिखने, प्रसूताओं को मिलने वाले आहार में कटौती करने का मामला संज्ञान में आया। इन बिंदुओं पर नाराजगी व्यक्त की।


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