बीआरडी में एमबीबीएस की 50 सीटों को स्थायी मान्यता के लिए कवायद
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 सीटों की स्थायी मान्यता मिलने वाली है। एमसीआइ की तीन सदस्यीय टीम आई थी।
गोरखपुर, जेएनएन। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 सीटों की स्थायी मान्यता के लिए दूसरी बार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की तीन सदस्यीय टीम पहुंची। 2017 में मिली 50 सीटों की अस्थाई मान्यता को पांच साल के लिए स्वीकृत करने को टीम आई है। टीम व्यवस्था से संतुष्ट दिखी। बीआरडी में एमबीबीएस की 50 सीट को स्थायी और 50 सीट को अस्थायी मान्यता मिली है। तीन सदस्यीय टीम ने मेडिकल कॉलेज में संसाधनों का निरीक्षण किया। काफी देर तक संसाधनों के रख-रखाव के बारे में भी पड़ताल की गई। टीम ने नेहरू अस्पताल, ऑपरेशन थियेटर, सर्जरी वार्ड, सेंट्रल पैथोलॉजी, कॉलेज की पैथोलॉजी का निरीक्षण किया। टीम ने पिछले दौरे में दर्शायी गई खामियों की भी जानकारी ली।
पिछले साल भी इसी माह आई थी टीम
पिछले साल छह मार्च को एमसीआइ की टीम ने एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा का मुआयना किया था। टीम ने आर्थो, जनरल सर्जरी, रेडियोलॉजी, गायनी और मेडिसिन वार्ड व विभाग को देखा था।
1998 में घटी थी 50 सीटें
1972 में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के समय 50 सीटों की पढ़ाई शुरू हुई। 1979 में निरीक्षण के बाद एमसीआइ ने सौ सीटों पर पढ़ाई की मान्यता दे दी। इसके बाद लगातार उपेक्षा के चलते कॉलेज की स्थिति बिगड़ती गई। 1998 में एमसीआइ ने सीटें घटाकर सौ से पचास कर दीं।
मान्यता के संबंध में निरीक्षण करने आई थी टीम
बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने इस संबंध में बताया कि एमसीआइ की तीन सदस्यीय टीम 50 सीटों की अस्थाई मान्यता के संबंध में निरीक्षण करने आई है। जब तक इन सीटों को स्थायी मान्यता नहीं मिल जाती, टीम निरीक्षण करती है। सदस्य अभी रुके हुए हैं।