छात्रावास के झमेले में फंस गई नवोदय विद्यालय की 50 फीसद सीटें
जवाहर नवोदय विद्यालय में छात्रावास की कमी का खामियाजा जनपद के मेधावियों को भुगतना पड़ रहा है। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रशासन ने कक्षा छठवीं में प्रवेश के लिए 50 फीसद सीटें कम कर दी है
By Edited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 02:42 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। जनपद देवरिया के जवाहर नवोदय विद्यालय में छात्रावास की कमी का खामियाजा जनपद के मेधावियों को भुगतना पड़ रहा है। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रशासन ने कक्षा छठवीं में प्रवेश के लिए 50 फीसद सीटें कम कर दी है। इस साल महज 40 सीटों पर ही प्रवेश होगा। जनपद के मेहड़ा पुरवा में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना वर्ष 2015 हुई। जिला प्रशासन ने महज आठ एकड़ भूमि उपलब्ध कराया। जिस पर छात्रावास के तीन भवन, एकेडमी भवन बना है। खाली भूमि का उपयोग बच्चों के उपयोग के लिए होता है। विद्यालय को 32 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
अभी छात्रावास के तीन भवन, गेस्ट हाउस, कर्मचारियों के लिए आवास, हाउस मास्टर के लिए आवास का निर्माण किया जाना बाकी है, जो भूमि के अभाव में अटकी हुई है। छात्रावास के तीन भवनों में 288 बच्चों के रहने की क्षमता है। वर्तमान में कक्षा छह से नौ तक कुल 288 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। वर्तमान में 15 शिक्षक तैनात हैं। नए सत्र में हाईस्कूल की पढ़ाई भी शुरू होनी है। पीजीटी शिक्षकों की तैनाती भी की जानी है। दूसरे फेज में छात्रावास के तीन भवनों का निर्माण न होने से बच्चों को रहने का आवास कम पड़ गए हैं।
प्रधानाचार्य विमल कुमार मिश्र ने बताया कि डीएम की तरफ से भूमि के इंतजाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरे फेज में छात्रावास के तीन भवनों का निर्माण कराया जाना है। जगह की कमी के कारण इस साल 40 सीटें कम कर दी गई हैं। जिलाधिकारी देवरिया अमित किशोर ने कहा कि जगह के अभाव में सीटें कम हुई हैं। छात्रावास के लिए बीस एकड़ भूमि की आवश्यकता है। भूमि उपलब्ध कराने के लिए कोशिश की जा रही है।
अभी छात्रावास के तीन भवन, गेस्ट हाउस, कर्मचारियों के लिए आवास, हाउस मास्टर के लिए आवास का निर्माण किया जाना बाकी है, जो भूमि के अभाव में अटकी हुई है। छात्रावास के तीन भवनों में 288 बच्चों के रहने की क्षमता है। वर्तमान में कक्षा छह से नौ तक कुल 288 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। वर्तमान में 15 शिक्षक तैनात हैं। नए सत्र में हाईस्कूल की पढ़ाई भी शुरू होनी है। पीजीटी शिक्षकों की तैनाती भी की जानी है। दूसरे फेज में छात्रावास के तीन भवनों का निर्माण न होने से बच्चों को रहने का आवास कम पड़ गए हैं।
प्रधानाचार्य विमल कुमार मिश्र ने बताया कि डीएम की तरफ से भूमि के इंतजाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरे फेज में छात्रावास के तीन भवनों का निर्माण कराया जाना है। जगह की कमी के कारण इस साल 40 सीटें कम कर दी गई हैं। जिलाधिकारी देवरिया अमित किशोर ने कहा कि जगह के अभाव में सीटें कम हुई हैं। छात्रावास के लिए बीस एकड़ भूमि की आवश्यकता है। भूमि उपलब्ध कराने के लिए कोशिश की जा रही है।
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