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गोरखपुर में गाय के पेट से निकली 50 किलो पालीथिन

कान्हा उपवन में अचानक एक गाय मरी तो मौत का कारण जानने के लिए उसका पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया गया। गाय का पेट फाड़ा गया तो डाक्टर भी हिल गए। पेट से इतना ज्यादा पालीथिन निकला कि डाक्टर को दूसरे लोगों की मदद लेनी पड़ी।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 01:34 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:22 PM (IST)
गोरखपुर में गाय के पेट से निकली 50 किलो पालीथिन
सड़क पर पालीथिन खाती गाय का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। यह सिर्फ एक गाय की मौत के लिए लिखी गई खबर न समझिएगा। यह उन सभी पशुओं के जीवन पर मंडराते हुए खतरे की खबर है जो हमारी-आपकी नासमझी का शिकार बनते जा रहे हैं। कान्हा उपवन में अचानक एक गाय मरी तो मौत का कारण जानने के लिए उसका पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया गया। गाय का पेट फाड़ा गया तो डाक्टर भी हिल गए। पेट से इतना ज्यादा पालीथिन निकला कि डाक्टर को दूसरे लोगों की मदद लेनी पड़ी। व्यथित पशु डाक्टर एनके राय कहते हैं कि, 'मेरे करियर का यह सबसे बुरा पोस्टमार्टम है। गाय को क्या पता कि पालीथिन में भरकर जो खाद्य पदार्थ उसके लिए फेंका गया है वह उसकी मौत का कारण बनेगा।महेवा वार्ड के कान्हा उपवन में एक स्वस्थ दिखने वाली गाय ने अचानक खाना छोड़ा और थोड़ी देर में ही वह गिर गई। कर्मचारियों ने डाक्टर को बुलाया तो पता चला कि गाय की मौत हो चुकी है।

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ऐसे तिल-तिल कर मरते हैं पशु

ज्यादातर लोग घर में बचे खाद्य पदार्थों को पालीथिन में भरकर सड़क किनारे फेंक देते हैं। खाद्य पदार्थ के चक्कर में बेसहारा पशु पालीथिन भी खा जाते हैं। यह पालीथिन उनके पेट में इकट्ठा होता रहता है। पशु का पेट फूलता जाता है। धीरे-धीरे पालीथिन से पूरा पेट भर जाता है। पशु खाना छोडऩे लगता है। लेकिन उसका पेट भरा दिखता है। खाना न खाने से पशु कमजोर होता जाता है और उसकी मौत हो जाती है।

अब भी चेत जाएं तो बच जाए जान

खाद्य पदार्थ के साथ पालीथिन खाने वाले पशुओं की जान बचाई जा सकती है। हम पालीथिन में खाद्य पदार्थ न फेंकने का संकल्प ले लें तो पशुओं को पालीथिन नहीं मिलेगी।

कई पशुओं की जा चुकी है जान

कान्हा उपवन की व्यवस्था ठीक करने के लिए गठित कमेटी के चेयरमैन और नगर निगम के पूर्व उपसभापति बृजेश सिंह छोटू ने कहते हैं कि, 'अब तो पशुओं को देखकर ही पता चल जाता है कि पेट में पालीथिन भरा है लेकिन मजबूरी यह है कि ज्यादातर पशु तब आते हैं जब उनकी स्थिति खतरनाक हो चुकी होती है।Ó कई पशुओं के पेट में कड़े गेंद की तरह पालीथिन इकट्ठा हो जाती है। इसे निकालना भी मुश्किल होता है। पशु चिकित्‍साधिकारी डा. एनके राय का कहना है कि गाय के पेट से पालीथिन निकाला जा सकता है लेकिन जैसे आपरेशन के बाद आदमी को बचाव करना होता है उसी तरह पशुओं का भी बचाव होना चाहिए। बड़ा शरीर होने के कारण आपरेशन के बाद इंफेक्शन का खतरा रहता है। सभी लोग संकल्प ले लें कि पालीथिन में खाद्य पदार्थ नहीं फेंकेंगे तो अब भी जानवरों को बचाया जा सकता है।


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