गोरखपुर में कर्फ्यू के दौरान भी बिना मास्क के मिले 342 व्यक्ति, सभी पर जुर्माना Gorakhpur News
रविवार को जिले अभूतपूर्व बंदी रही है। हर तरफ सड़कें सन्नाटे में डूबी रहीं। कोरोना को हराने के लिए 35 घंटे के कर्फ्यू को पुलिस ने फुल सपोर्ट भी किया है। इसमें से 342 व्यक्ति ऐसे भी रहे जो बिना मास्क के सड़कों पर भी देखे गए।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले में रविवार को कफ्र्यू के दौरान सड़कों पर पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा। बावजूद इसके जिले में 342 व्यक्ति ऐसे रहे हैं, जिन्हेंं पुलिस ने सड़क पर बिना मास्क घूमते पाया है। बिना मास्क निकलने को लेकर पुलिस ने इनका चालान भी किया है। इनसे 39700 रुपये पुलिस ने जुर्माना भी वसूला है।
अब तक 82 लाख का जुर्माना वसूली
रविवार को जिले अभूतपूर्व बंदी रही है। हर तरफ सड़कें सन्नाटे में डूबी रहीं। कोरोना को हराने के लिए 35 घंटे के कर्फ्यू को पुलिस ने फुल सपोर्ट भी किया है। इसमें से 342 व्यक्ति ऐसे भी रहे, जो बिना मास्क के सड़कों पर भी देखे गए। यह पुलिस की नजरों में आये तो इनका चालान भी हुआ। पुलिस ने इनसे 39700 रुपये जुर्माना भी वसूला है। अभी पुलिस ने इनका चालान पुराने दर के अनुसार किया है। पुलिस कहना है कि दो दिन पूर्व जुर्माने के लिए दूसरी दर भी आ गई है, इसमें पहली बार बिना मास्क पकड़े जाने पर व्यक्ति को एक हजार रुपये व दूसरी बार पकड़े जाने पर दस हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। बता दें जिले में बीते 26 जून से मास्क को लेकर चालान किया जा रहा है। अब तक 81299 लोगों का चालान हो चुका है। इनसे 82 लाख 22 हजार 300 रुपये जुर्माना भी वसूला जा चुका है।
मास्क को लेकर 10 अप्रैल से इतने व्यक्तियों का हुआ चालान
10 अप्रैल- 1294,
11 अप्रैल- 485,
12 अप्रैल- 611,
13 अप्रैल - 378
14 अप्रैल- 206,
15 अप्रैल- 0,
16 अप्रैल- 196,
17 अप्रैल- 715,
18 अप्रैल- 342
अब बिलकुल लापरवाही करने की जरूरत नहीं
एसपी ट्रैफिक आरएस गौतम का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों को अब बिलकुल लापरवाही करने की जरूरत नहीं है। इसमें जरा सी भी चूक भारी पड़ सकती है। ऐसे में पुलिस भी अब लोगों को बिलकुल मौका देने वाली नहीं है। कोई भी बिना मास्क के मिल रहा है, उसका चालान किया जा रहा है। दो दिन पूर्व चालान का शुल्क भी बढ़ गया है। अब बिना मास्क पकड़े जाने पर 1000 रुपये व दुबारा पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। पहले पहली बार में 100 रुपये जुर्माना देना होता था। दूसरी बार में पांच सौ रुपये।