बंधन बैंक में 25 लाख की धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार
देवरिया जिले के सलेमपुर के टीचर्स कालोनी स्थित बंधन बैंक लिमिटेड (माइक्रो बैं¨कग से 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। स्वयं सहायता समूह के जरिये यह पैसा निकाला गया।
गोरखपुर : देवरिया जिले के सलेमपुर के टीचर्स कालोनी स्थित बंधन बैंक लिमिटेड (माइक्रो बैं¨कग) की शाखा में पिछले साल हुए 25 लाख रुपये के फ्राड के मामले में फरार चल रहे डोर बैं¨कग आफिसर को पुलिस ने गौरीबाजार बस स्टैंड के समीप से गुरुवार को दबोच लिया है। साथ ही उसके पास से लगभग 25 हजार रुपये पुलिस ने बरामद कर लिया। जबकि फरार चल रहे एक अन्य आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। जल्द ही फरार आरोपित को भी गिरफ्तार कर लेने का पुलिस दावा कर रही है।
सलेमपुर उपनगर के टीचर्स कालोनी में भीम पांडेय की मकान में बंधन बैंक लिमिटेड की माइक्रो बैं¨कग की शाखा है, जो केवल स्वयं सहायता समूह में लोन देने का कार्य करती है। फरवरी 2017 में इस शाखा में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की शिकायत मिली तो सीटीएम कृष्णा प्रसाद ने इसकी जांच की। जांच में पता चला कि 45 लोगों को फर्जी तरीके से बिना कागजात के ही ऋण प्रदान कर दिए गए हैं। इस मामले में कृष्णा प्रसाद की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में शक्ति कुमार भारती निवासी ओनहइच सरायलबंसी जनपद मऊ, कोकिल कुमार निवासी मीठीबेल थाना झगहा जनपद गोरखपुर व श्रीमती रीना पांडेय निवासी दोहरीघाट थाना मऊ के खिलाफ मुकदमा किया। मामले की विवेचना कर रही क्राइम ब्रांच की टीम ने तत्कालीन डोर बै¨कग आफिसर कोकिल को बस स्टैंड गौरीबाजार से दबोच लिया। विवेचना में रीना पांडेय का नाम गलत होने के चलते पुलिस ने उसके नाम को निकाल दिया है। जबकि फरार चल रहे शक्ति कुमार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी कर रही है। गिरफ्तार करने वाली टीम में निरीक्षक रफीक अहमद, अजय श्रीवास्तव व स्पेशल एसओजी टीम शामिल रही।
बंधन बैंक सलेमपुर के शाखा प्रबंधक नीतीश कुमार का कहना है कि वह लोन देने की शाखा है। एक साल पहले इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। एक आरोपित के गिरफ्तार होने की जानकारी हमें भी मिली है। धोखाधड़ी कर यह 25 लाख रुपये निकाल लिया और फरार हो गया था।
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बायोमेट्रिक के जरिये दूसरे के नाम पर निकाल लिया 25 लाख
सलेमपुर के टीचर्स कालोनी स्थित बंधन बैंक के लोन शाखा में हुए धोखाधड़ी का मामले में दोनों कर्मचारियों ने कम दिमाग नहीं लगाया है। महिलाओं का फोटो लगाया और बायोमेट्रिक सिस्टम में अपने अंगुली का निशान लगा रुपये निकालते गए। लाख पति बनने की चाहत ने दोनों कर्मचारियों को अपराध की दलदल ढकेलता गया। लाखपति तो बन गए, लेकिन गुरुवार को कोकिल को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा।
गोरखपुर के झगहा थाना क्षेत्र के ग्राम मीठाबेल निवासी कोकिल कुमार पुत्र दुर्गा प्रसाद शुरू से ही शातिर रहा है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ठीक नहीं है। इसलिए उसने दौड़-भाग की तो उसे बंधन बैंक के लोन ब्रांच में नौकरी मिल गई। कुछ दिनों तक तो वह बेहतर कार्य किया, लेकिन इसके बाद उसमें पैसा कमाने की हवस भर गई। फिर क्या तो उसने शक्ति को अपने साथ मिलाया और फिर दोनों बैंक की साख गिराने के साथ ही बैंक को खाली कर लाखपति बनने में जुट गए। जिनके नाम पर पहले ऋण लिया गया और वह किश्त जमा कर दिए। उनके फोटो व फार्म को स्कैन कर यह नया कागजात तैयार कर लिए। इसके बाद उनके नाम पर 25 हजार रुपये से लेकर 94 हजार रुपये तक लोन निकाला। इतना ही नहीं, उनके रुपये को निकालने के लिए यह जालसाज बायोमेट्रिक सिस्टम पर अपने अंगुली का निशान दे दिए। उनको थोड़ा भी डर नहीं लगा कि आगे क्या होगा? कोकिल यहां से रुपये बनाता गया और गांव पर रुपये को भेजता गया। वहां उसकी स्थिति मजबूत होने लगी। इस बीच इनको जांच की भनक लग गई और यह ब्रांच छोड़ कर फरार हो गए।
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ऐसे पकड़ा गया यह मामला
बताया जा रहा है कि यह दोनों ट्रे¨नग में लखनऊ जाने लगे तो दूसरे कर्मचारियों को वहां भेजा गया। जब दोनों कर्मचारी किश्त वसूली के लिए गांव-गांव समूह की महिलाओं के पास पहुंचे तो पता चला कि वह लोन जो डेढ़ साल पहले ली थी वह तो जमा कर चुकी हैं। उनके पास उसका रसीद है। जब दोनों कर्मचारियों ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी तो कोकिल व शक्ति संबंधित स्थान से फरार हो गए। जांच हुआ तो पता चला कि यह तो स्कैन केवल उनका फोटो किए हैं और बायोमेट्रिक में अपने अंगुलियों का प्रयोग किए हैं। इतना हीं नही, यह फर्जी आधार कार्ड भी तैयार कर लिए हैं। जिस पर इनके ही अंगुली का निशान है। कुल मिलाकर यह बहुत बड़ा मामला है। कहा जा रहा है कि शक्ति के पकड़े जाने के बाद और मामले का खुलासा होगा।
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