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इस जिले के 14 गांवों को मिलेगी सुविधा, सीएचसी पर हो सकेगी कालाजार की जांच

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेवरही पर कालाजार रोगियों की जांच शुरू कर दी गई है। यहां पर कालाजार की जांच शुरू होने से तीन ब्लाकों के 14 गांवों के लोगों को सहूलियत मिलेगी। यह गांव सेवरही ब्लाक के पकड़‍ियार पूर्वपट्टी देवनहा राजपुर बगहा सुमठी संग्राम पिपराघाट गाजीपुर परसौनी बुजुर्ग डूभा हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 08:10 PM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 08:10 PM (IST)
इस जिले के 14 गांवों को मिलेगी सुविधा, सीएचसी पर हो सकेगी कालाजार की जांच
सेवरही सीएचसी पर अब कालाजार के जांच की सुविधा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : कुशीनगर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेवरही पर भी कालाजार रोगियों की आरके-39 जांच शुरू कर दी गई है। यहां पर कालाजार की जांच शुरू होने से तीन ब्लाकों के 14 गांवों के लोगों को सहूलियत मिलेगी। यह गांव सेवरही ब्लाक के ग्राम पंचायत पकड़‍ियार पूर्वपट्टी, देवनहा, राजपुर बगहा, सुमठी संग्राम, पिपराघाट, गाजीपुर, परसौनी बुजुर्ग, डूभा हैं। दुदही ब्लाक के ग्राम पंचायत रकबा दुलमा पट्टी, तिवारी पट्टी, गगलवा, गणेश पट्टी गौरा जगदीश तथा तमकुही ब्लाक के ग्राम पंचायत सपही टढ़वा के लोगों को भी इस व्यवस्था से सुविधा मिलेगी।

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गौरा जगदीश निवासी रतन कुमार और दुलमा पट्टी की रमावती की हुई जांच

पहले दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेवरही पर ग्राम पंचायत गौरा जगदीश निवासी रतन कुमार और ग्राम पंचायत रकबा दुलमा पट्टी की रमावती की कालाजार की जांच हुई। दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई। फार्मासिस्ट धर्मेंद्र मोहन पांडेय, स्वास्थ्य निरीक्षक संजय सिंह, स्टाफ नर्स खुशबू जायसवाल, लैब टेक्नीशियन अनुराग कुशवाहा आदि मौजूद रहे। ब्लाक मानीटर मानव कुमार ने बताया कि कालाजार से बचने के लिए घर के आसपास साफ-सफाई रखें। पूरी बांह की कमीज पहनें, मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के बाहर न सोएं।

यह है कालाजार

सीएचसी के अधीक्षक डा. अमित राय ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों एवं अंधेरे में पाई जाती है। यह छह फीट ही उड़ पाती है। इसके काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है और रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। लक्षण दिखने पर मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है, भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है।

एएनएम सेंटर बदहाल, ग्रामीण परेशान

मोतीचक विकास खंड के बरठा गांव का एएनएम सेंटर बदहाल है। रख-रखाव के अभाव में भवन जर्जर हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बावजूद अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। एएनएम टीकाकरण के दिन ही गांव में आती हैं और स्कूल या किसी के दरवाजे पर बैठकर टीका लगाती हैं। प्रसव के लिए महिलाओं को रामकोला या मथौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाना पड़ता है। जलापूर्ति के लिए लगाई गई टोटियां गायब हो गई हैं। 


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