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चौराहे पर दुकानदार की गोली मारकर हत्या

गोरखपुर: बैग बनाने की दुकान चलाने वाले रफीक (50) की चौरीचौरा में डुमरी खुर्द चौराहे पर सोमवार की शाम

By Edited By: Updated: Tue, 01 Dec 2015 01:29 AM (IST)
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गोरखपुर: बैग बनाने की दुकान चलाने वाले रफीक (50) की चौरीचौरा में डुमरी खुर्द चौराहे पर सोमवार की शाम बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। चौरीचौरा में ही भोपा बाजार चौराहे पर उनकी दुकान है। शाम को दुकान बंद कर घर जाते समय डुमरी खुर्द चौराहे पर सब्जी खरीदने के दौरान बदमाशों ने उन पर हमला किया। ताबड़तोड़ फाय¨रग कर उन्हें मौत के घाट उतारने के बाद बदमाश बम फेंकते हुए फरार हो गए। रफीक के ससुर ने भूमि विवाद में अपने पट्टीदार और उनके पुत्रों पर हमला करने का आरोप लगाया है।

चौरीचौरा और मुंडेरा बाजार संवाददाता के अनुसार मूल रूप से भैंसहीं, झगहा निवासी रफीक की चौरीचौरा के डुमरी खुर्द में गफूर के घर ससुराल है। गफूर की सिर्फ एक बेटी ही है। सास-ससुर की देखरेख करने के लिए रफीक, पत्‍‌नी के साथ ससुराल में ही रहते थे और जीविकोपार्जन के लिए भोपा बाजार चौराहे पर बैग बनाने की दुकान चलाते थे। सोमवार की शाम को साढ़े पांच बजे के आसपास दुकान बंद कर बाइक से पौने छह बजे के आसपास डुमरी चौराहे पर पहुंचे। वहां रुक कर एक दुकान पर सब्जी खरीद रहे थे। इसी दौरान पल्सर बाइक पर सवार होकर आए तीन युवकों ने उन पर ताबड़तोड़ गोली चलानी शुरू कर दी। सिर, पेट और सीने में कई गोली लगने से रफीक सड़क पर गिर गए।

घटना को अंजाम देने के बाद बदमाशों के भागने की कोशिश करने के दौरान कुछ लोगों ने उन्हें घेरने का प्रयास किया तो उनमें से एक ने झोले से बम निकाल कर सड़क पर पटक दिया। बम के धमाके से चौराहे पर सनसनी फैल गई। सभी लोग आसपास की दुकानों में दुबक गए। इस बीच किसी के आगे बढ़ने पर गोली मारने की धमकी देते हुए बदमाश गोरखपुर की तरफ भाग निकले। घटनास्थल से पुलिस ने 315 बोर का खाली कारतूस और बम का अवशेष बरामद किया है।

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पचीस कट्ठा जमीन बनी घटना की वजह : रफीक के ससुर गफूर ने पुलिस को बयान दिया है कि देवरिया जिले के गौरी बाजार थाना क्षेत्र में गौरी बुजुर्ग चौराहे पर उनकी पचीस कट्ठा जमीन है। उनके पट्टीदार काफी दिनों से उन पर उस जमीन को अपने नाम करने का दबाव बना रहे थे लेकिन दो माह पहले उन्होंने वह जमीन दामाद के नाम रजिस्टर्ड बैनामा कर दिया। यह बात उनके पट्टीदारों को नागवार लगी। आरोप है कि इसी रंजिश में उन्होंने उनके दामाद की हत्या की है।

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कई बार हो चुकी थी पंचायत : गौरी बुजुर्ग चौराहे पर स्थित गफूर की पचीस कट्ठा जमीन सड़क से बिल्कुल सटे है। व्यवसायिक दृष्टि से वह जमीन इस समय काफी कीमती हो गई है। उनके पट्टीदारों का कहना था कि डुमरी खुर्द में ससुराल से उनके पास पर्याप्त जमीन मिली है। लिहाजा वे चाह रहे थे कि गौरी बुजुर्ग चौराहे पर स्थित जमीन गफूर उन्हें दे दें। इसके लिए उन्होंने रिश्तेदारों और शुभचिंतकों की मदद से गफूर को उन्होंने मनाने की काफी कोशिश की। दो बार पंचायत भी बुलाई गई लेकिन गफूर उन्हें जमीन देने को राजी नहीं हुए। यहीं से पट्टीदारों से उनका तनाव शुरू हो गया।

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नेवासे पर ही रहते हैं रफीक के ससुर भी : रफीक के ससुर गफूर भी डुमरी खुर्द गांव में नेवासे पर ही रहते हैं। उनका पैतृक गांव गौरी बाजार, देवरिया के गौरी बुजुर्ग में है। उनकी पत्‍‌नी, मां-बाप की इकलौती संतान हैं। इसलिए शादी के बाद पत्‍‌नी के साथ वह ससुराल में ही आकर रहने लगे। संयोग से उन्हें भी एक मात्र बेटी ही हुई। इसलिए ससुराल से मिली जायदाद व अपनी पैतृक संपत्ति उन्होंने अपने दामाद व बेटी के नाम कर दी है।