अंतिम संस्कार में भी नहीं दिखे प्रत्याशी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : कच्ची शराब पीने से हुई तीन मौतों के बाद गांव छोड़ फरार हुए प्रत्याशी शुक्र
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : कच्ची शराब पीने से हुई तीन मौतों के बाद गांव छोड़ फरार हुए प्रत्याशी शुक्रवार को भी गांव में नहीं दिखे। यही नहीं अब तक जनता के हर सुख-दुख में खड़े होने का दावा करने वाले प्रत्याशी अंतिम संस्कार में भी शामिल होने से बचते रहे। हालांकि दूर दूर से प्रत्याशी पीड़ित परिवारों का जाल जानने और उनकी मदद करने की बात कह रहे हैं।
पिपराइच के जंगल छत्रधारी गांव में प्रधान प्रत्याशी की तरफ से बंटवाई गई शराब पीने से बिचऊपुर टोले के रामललित, मुन्नू और धर्मेद्र की मौत हो गई थी, जबकि करीब डेढ़ दर्जन लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। घटना के बाद ज्यादातर प्रत्याशी गांव छोड़ फरार हो गए। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने तीनों की लाश को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। गांव वालों ने बरगदही में ले जाकर तीनों का अंतिम संस्कार किया।
अनुमति न मिलने से हुई देरी
मेडिकल कालेज प्रतिनिधि के अनुसार सुबह पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस डीएम की अनुमति लिए बगैर ही जिला अस्पताल के इमरजेंसी पहुंच गई। यहां से भी आनन-फानन दो डाक्टरों को सुबह ही पोस्टमार्टम के लिए ड्यूटी लगा दी गई। ड्यूटी में तैनात डाक्टरों ने बगैर डीएम की अनुमति के पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया। इसके बाद दोबारा डीएम की अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके चलते पोस्टमार्टम में करीब तीन घंटे की देरी हुई।
परिवार पर टूटा पहाड़
कच्ची शराब पीने से शुक्रवार को हुई वीरेंद्र की मौत के बाद उसकी कच्ची गृहस्थी बसने से पहले ही उजड़ गई। जंगल छत्रधारी निवासी नंदलाल के तीन बेटों में वीरेंद्र दूसरे नंबर का था। मजदूरी करके वह परिवार का जीवकोपार्जन करता था। पिछले साल मई में उसकी शादी हुई थी। बताते हैं कि उसकी पत्नी भी गर्भवती है। वीरेंद्र की मौत के बाद पत्नी और परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। शुक्रवार को उसके शव को भी पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।