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Coronavirus : लोगों के लिए खतरा बने विदेश से आए 130 लोग, नहीं मिल रही इनकी लोकेशन

Coronavirus Lockdown से पहले और बाद में यूपी के महराजगंज व संतकबीर नगर आए 130 विदेशियों की लोकेशन न मिलने से सरकारी अमला परेशान है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 10:01 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 09:25 AM (IST)
Coronavirus : लोगों के लिए खतरा बने विदेश से आए 130 लोग, नहीं मिल रही इनकी लोकेशन
Coronavirus : लोगों के लिए खतरा बने विदेश से आए 130 लोग, नहीं मिल रही इनकी लोकेशन

प्रदीप श्रीवास्‍तव, गोरखपुर। Coronavirus Lockdown से पहले और बाद में विदेशों से पूर्वांचल के विभिन्‍न जिलों से आए 618 लोगों में से 130 पूरे पूर्वांचल के लिए खबरा बने हुए हैं। इन 130 लोगों की लोकेशन न मिलने से पुलिस व प्रशासनिक अमला परेशान हैं। लाख खोजबीन के बाद भी इन लोगों का पता नहीं चला। इन 130 लोगों में से सबसे अधिक 110 लोग महराजगंज के हैं।

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जमातियों के कारण चर्चा में आया था महराजगंज

जमातियों के कारण महराजगंज जिला पहले चर्चा में चुका है। Tabligi Jamat के 21 जमातियों के महराजगंज आने और इनमें से छह के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरे प्रदेश की नजरें इस जिले पर गड़ी थीं। अब इस नई जानकारी से अधिकारियों के होश उड़े हैं।

संतकबीर नगर से भी गायब हैं बीस विदेशी

लॉकडाउन के दौरान गोरखपुर व बस्‍ती मंडल में विदेश से कुल 618 लोग आए हैं। इनमें गोरखपुर मंडल की संख्‍या 141 और बस्‍ती मंडल की संख्‍या 477 है। गोरखपुर जिले में 141, बस्‍ती में 388 और सिद्धार्थनगर में 89 लोग आए हैं। बाकी चार जिलों कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, संतकबीर नगर में इस दौरान कोई भी विदेश नहीं आया। इन लोगों में 130 गायब हैं, इनका पता पुलिस नहीं लगा पाई है। गायब होने वालों में बीस संतकबीर नगर और 110 के हैं।

जमातियों ने पैदा किया भय का माहौल

Tabligi Jamat के जो 21 जमाती दिल्‍ली से महराजगंज गए थे वह सभी कामाख्‍या एक्‍सप्रेस से पहले गोरखपुर और फ‍िर विभिन्‍न साधनों से गोरखपुर से महराजगंज गए। इस दौरान यह जमाती गोरखपुर में करीब दो सौ लोगों के संपर्क में आए। प्रशासन अब इन दो सौ लोगों की तलाश कर रहा है।

गंभीर हो रही है स्थिति, आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक और मरीज की मौत

उधर, बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में कोरोना के मद्देनजर बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक और मरीज की मौत हो गई। मरीज का कोरोना संक्रमण जांच के लिए सैंपल नहीं लिया गया। इसके पूर्व महाराजगंज की एक महिला की इसी वार्ड में मौत हो गई थी, उसका भी सैंपल नहीं लिया गया था। दोनों सांस की समस्या से ग्रसित थे। कुशीनगर के भगवानपुर खुर्द ग्राम सभा के पूर्व प्रधान सिराजुद्दीन अंसारी को सांस में तकलीफ व सीने में दर्द था। मंगलवार की रात करीब नौ बजे परिजन उन्हें लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया। वार्ड में वह खुद चल कर गए। पत्नी सामना खातून और बेटा अमन भी साथ में मौजूद रहे।

परिजनों ने के मुताबिक भर्ती होने के पूर्व आधा घंटे तक उन्हें काउंटर पर ही बैठाया गया। कई बार कहने पर एक कर्मचारी उन्हें स्ट्रेचर पर लेकर वार्ड के अंदर गया। वार्ड में परिजनों को नहीं जाने दिया गया। कुछ देर बाद कर्मचारियों ने सूचना दी कि मरीज की मौत हो गई। डॉक्टरों द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत की वजह कार्डियक पल्मोनरी अरेस्ट (अचानक दिल व फेफड़े का बंद हो जाना) बताया गया है। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि अब आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हर सांस के मरीज का सैंपल लिया जाएगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।

प्राचार्य ने बुलाई मीटिंग

आइसोलेशन वार्ड में लगातार दो दिनों में दो मरीजों की मौत पर बुधवार को प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने सभी विभागाध्यक्षों की मीटिंग बुलाई। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि सांस से संबंधितमरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाए व जांच के लिए उनके सैंपल लिए जाएं।

आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हुए पांच मरीज

इस बीच बुधवार को मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में पांच मरीज भर्ती किए गए। इन मरीजों की कोरोना संक्रमण की जांच निगेटिव आने के बाद इन्हें मेडिसिन वार्ड में भर्ती किया जाएगा।

जमातियों के संपर्क में आए 21 लोग की जांच रिपोर्ट निगेटिव

जमातियों के संपर्क में आए और दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात मरकज के समीप से गुजरने वाले गोरखपुर और आसपास के 21 लोग कोरोना जांच में निगेटिव पाए गए हैं। शासन ने 42 लोगों के मोबाइल फोन नंबर भेजकर पुलिस को उनका पता लगाकर जांच कराने का आदेश दिया था। सूची में शामिल अन्य 21 फोन नंबर, सर्विलांस से जांच में अभी भी दिल्ली में ही एक्टीवेट पाये गए हैं। पुलिस की कोविड-19 टीम ने शासन के माध्यम से इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस को भेज दी है।

दिल्ली पुलिस का सहयोग आया काम

दिल्ली पुलिस ने बड़े पैमाने पर ऐसे मोबाइल फोन नंबरों की सूची तैयार की थी, जिनकी लोकेशन मरकज के आसपास पाई गई थी। इस सूची में उन लोगों के नंबर भी शमिल थे, जो लोग किसी न किसी तरह से जमातियों के संपर्क में आए थे। गोरखपुर और आसपास के जिलों से जुड़े ऐसे 42 लोगों की पहली सूची कोविड -19 टीम को मिली थी। सर्विलांस की मदद से टीम ने फोन नंबरों की छानबीन शुरू की तो 13 लोग गोरखपुर तथा आठ लोग महराजगंज, देवरिया और संतकबीरनगर के निकले। सभी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। कोविड -19 टीम के प्रभारी व सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया कि जो नंबर अभी दिल्ली में काम कर रहे हैं, उनकी सूची वहां की पुलिस को भेज दी गई है।

221 नंबरों की चल रही छानबीन

जमातियों के संपर्क में आए और मरकज के आसपास से गुजरने वाले 221 लोगों की दूसरी सूची भी दिल्ली पुलिस ने भेजी है। कोविड-19 टीम सर्विलांस के माध्यम से इन नंबरों का पता लगा रही है। सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया कि इसमें से काफी नंबरों को ट्रेस कर लिया गया है। इन नंबरों का इस्तेमाल करने वालों की जांच कराई जा रही है।

प्रशासन ने शुरू की तैयारी, कोरोना मरीजों के लिए बनेगा 100 बेड का अस्पताल

कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अब 100 बेड का अलग अस्पताल बनेगा। इसके लिए सभी विभागों से जगह ढूढऩे के लिए कहा गया है। इस अस्पताल में केवल कोरोना पॉजिटिव मरीज ही भर्ती किए जाएंगे। बस्ती में आठ व महराजगंज में छह कोरोना संक्रमित लोग मिल चुके हैं। इसलिए कोरोना तीसरे चरण में प्रवेश करे, इसके पूर्व स्वास्थ्य विभाग सावधान हो गया है। चरगांवा में पहले से ही कोरोना संक्रमितों के लिए 30 बेड का वार्ड बना हुआ है। जिला अस्पताल में आठ बेड का वेंटीलेटर वार्ड बनाया गया है। जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके सिंह ने बताया कि 100 बेड कोरोना अस्पताल बनाने की जिम्मेदारी जिला अस्पताल को मिली है।


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