Move to Jagran APP

14 करोड़ खर्च, फिर भी पेयजल को तरस रहे ग्रामीण

हम्मदपुर की 25 हजार आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 14 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई परियोजना पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। करीब एक साल से ग्रामवासियों को पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हो सकी। कम वोल्टेज टंकी संचालन में आड़े

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 11:22 PM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 11:22 PM (IST)
14 करोड़ खर्च, फिर भी पेयजल को तरस रहे ग्रामीण
14 करोड़ खर्च, फिर भी पेयजल को तरस रहे ग्रामीण

भास्कर सिंह, उमरीबेगमगंज (गोंडा) : 14 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल परियोजना स्थापित की गई। इस खर्च से टंकी बनाए जाने के साथ ही पाइप लाइन बिछाई गई। पहले तो कुछ दिन ग्रामीणों को फीलगुड होता रहा लेकिन, करीब एक साल से बूंद भर पानी भी नसीब नहीं है। मामला उमरीबेगमगंज के सोनौली मोहम्मदपुर का है।

loksabha election banner

उक्त ग्राम पंचायत के 61 मजरों में करीब 25 हजार आबादी है। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 14 करोड़ की लागत से पानी की टंकी बनी। 800 किलोलीटर की क्षमता वाली इस टंकी का निर्माण 2015-16 में किया गया था। साथ ही 56 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई। पानी भरने के लिए तीन अलग-अलग स्थानों पर पंप स्थापित किए गए थे। इसमें एक लीकेज के चलते बंद है तो, दूसरे को बिजली नहीं मिल पा रही। तीसरे पंप के संचालन में कम वोल्टेज की समस्या आड़े आ रही है। क्षेत्र पंचायत सदस्य अनुराग सिंह ने बताया कि पानी की टंकी करीब एक साल से बंद पड़ी है। अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई लेकिन, कोई झांकने तक नहीं आया। गांव के नीरज सिंह कहते हैं कि लीकेज और अन्य खामियों को जल्द दुरुस्त कराया जाए। जिम्मेदार के बोल

-गांव में बिजली की सप्लाई है। पानी टंकी के बगल में ट्रांसफार्मर स्थापित है। इसके बाद भी यदि कोई समस्या है तो, उसे जल्द ही दूर कराया जाएगा।

पीयूष सिंह, एसडीओ बिजली -कम वोल्टेज मिलने से पंप नहीं चल पा रहे हैं। दिसंबर 2018 में पानी की टंकी ग्राम पंचायत को हैंडओवर कर दी गई थी। अब इसके संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है। बिजली की समस्या दूर हो जाए तो, एक बार फिर से लीकेज को बंद करवा दिया जाएगा।

- संजीत यादव, सहायक अभियंता जल निगम

-बिना पानी की आपूर्ति किए लीकेज को ढूंढा नहीं जा सकता है। वोल्टेज की समस्या आड़े आ रही है। बिजली विभाग को एक माह पहले ही पत्र लिखा गया था लेकिन, बिजली की समस्या दूर नहीं हो सकी।

-सदानंद चौधरी, खंड विकास अधिकारी बेलसर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.