तीन ग्राम पंचायत और 25 आरा मशीन !
हरियाली बचाने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है
रमन मिश्र, गोंडा :
हरियाली बचाने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है लेकिन, अधिकारियों की कार्यशैली से उसकी मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है। जिले के कर्नलगंज तहसील के बरगदी, शाहपुर, चचरी में करीब 25 से अधिक आरामशीनों का संचालन किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इन गांवों में संचालित अधिकांश आरा मशीनों का लाइसेंस तक नहीं है। यह सब कुछ वन विभाग व पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है। यहां पर बेशकीमती लकड़ियों की कटान हो रही है। कुछ दिनों पहले कटान का आडियो वायरल होने के मामले में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। बावजूद इसके वन विभाग व पुलिस के अधिकारी शिकंजा कसने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। इससे बिना परमिट के ही हरे पेड़ों की कटान धड़ल्ले से की जा रही है। रात-दिन हो रही चिराई
-बरगदी, शाहपुर व चचरी गांव में 25 से अधिक आरामशीनों का संचालन दिन रात किया जा रहा है। बरगदी गांव निवासी एक व्यक्ति के मुताबिक अधिकांश आरामशीनों के पास लाइसेंस तक नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि वन विभाग व पुलिस कर्मियों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। सब कुछ जानते हुए भी इसे बंद कराने की जहमत नहीं उठाई जा रही है। जबकि अक्टूबर में कर्नलगंज पुलिस पर कार्रवाई भी हो चुकी है। प्रतिबंधित पेड़ों की हो रही कटान
-प्रतिदिन 50 से अधिक पेड़ों की कटान की जा रही है। इसका परमिट भी नहीं लिया जा रहा है। इसमें शीशम, आम, साखू, नीम, महुआ, पीपल, बरगद, इमली, जामुन, रीठा शामिल है। ऐसे कटान होती रही तो आने वाले दिनों में पर्यावरण पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे।
जिम्मेदार के बोल
-डीएफओ आरके त्रिपाठी ने बताया कि कर्नलगंज के रेंजर से रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट मिलते ही जांच व कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।