गर्भवती महिलाओं की होगी थैलेसीमिया जांच
गोंडा: माताओं को बीमारियों से बचाने के लिए सेहत महकमे ने अब एक नई प्ला¨नग की है। इसके तह
गोंडा: माताओं को बीमारियों से बचाने के लिए सेहत महकमे ने अब एक नई प्ला¨नग की है। इसके तहत देवीपाटन मंडल के गोंडा, बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती जिले में प्रत्येक गर्भवती महिला की थैलेसीमिया की भी जांच कराई जाएगी। यह जांच दो चरणों में होगी, जिसके आधार पर अगर किसी महिला में थैलेसीमिया के लक्षण मिलते हैं तो उसके पति की भी जांच की जाएगी। इससे महिला व उसके संतान को बीमारी के प्रकोप से बचाया जा सके। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। साथ ही सीएचसी अधीक्षकों को जिम्मेदारी दी गयी है।
क्या है बीमारी
- महिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. ललिता के मुताबिक थैलेसीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें पीड़ित को जीवन पर्यंत रक्त की आवश्यकता होती है। पीजीआइ लखनऊ के मेडिकल जेनेटिक्स विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में एक हजार गर्भवती में से औसतन 30 गर्भवती थैलेसीमिया वाहक होती है। ऐसे में थैलेसीमिया ग्रसित संतान के जन्म की संभावना होती है। इस रोग के वाहक चिकित्सकीय रूप से सामान्य होते हैं एवं इनमें कोई विशेष चिकित्सकीय लक्षण प्रदर्शित नहीं होते हैं।
इस तरह होगी जांच
प्रथम परीक्षण
- सीएमओ डॉ. आभा आशुतोष ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में अनिवार्य रूप से जांच कराई जाएगी। जांच में अगर स्तर सामान्य से कम आता है तो उनकी आयरन फेरेटिन के स्तर से भी जांच कराई जाएगी। इसमें आयरन फेरेटिन के स्तर की जांच सामान्य से अधिक प्राप्त होने पर गर्भवती के थैलेसीमिया वाहक होने की संभावना होती है।
द्वितीय परीक्षण
- जिला कम्युनिटी प्रोसेस प्रबंधक डॉ. आरपी ¨सह ने बताया कि बीमारी का पता लगाने के लिए गर्भवती महिला का हीमोग्लोबिन के स्तर का परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद एचबीए टू की भी जांच होगी। इसका स्तर सामान्य से अधिक पाए जाने पर गर्भवती के थैलेसीमिया वाहक की पुष्टि परीक्षण के लिए लखनऊ के केजीएमयू या पीजीआई में जांच के लिए भेजा जाय। साथ ही गर्भवती के पति की भी जांच कराई जाएगी।
इनसेट
मिशन निदेशक का निर्देश मिला है, जिसके क्रम में कार्रवाई की जा रही है। चारों जिलों के सीएमओ को गर्भवती महिलाओं की थैलेसीमिया नामक बीमारी की जांच करके रिपोर्ट देने को कहा गया है। जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सके। इसकी हर माह मॉनीट¨रग की जाएगी।
- डॉ. सतीश कुमार, अपर निदेश्क चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देवीपाटन मंडल