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दस गन्ना क्रय केंद्र हुए पेपरलेस

गोंडा : पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों को पर्ची के लिए दौड़भाग से राहत देने के लिए

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 09:54 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 09:54 PM (IST)
दस गन्ना क्रय केंद्र हुए पेपरलेस
दस गन्ना क्रय केंद्र हुए पेपरलेस

गोंडा : पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों को पर्ची के लिए दौड़भाग से राहत देने के लिए क्रय केंद्रों पर गन्ना विभाग ने पेपरलेस तौल शुरू करा दी है। गणतंत्र दिवस के मौके पर नई व्यवस्था जिले के दस क्रय केंद्रों पर लागू की गई है। एसएमएस के जरिए जानकारी के आधार पर किसानों ने अपने गन्ने की तौल कराई। जिला गन्ना अधिकारी ओपी ¨सह ने रविवार को बताया कि लकड़ियों से कागज तैयार होता है। कागज के अधिक उपयोग से लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है। कागज का उपयोग कम करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को तेज करने के लिए गोंडा जिले के 10 गन्ना क्रय केंद्र पेपरलेस किए गए हैं। इसमें मैजापुर चीनी मिल का सीसामऊ, मोहनपुर टेपरा, नैन कटौली, फोरविसगंज, नरायनपुर माझा, सोनबरसा, कुंदुरुखी चीनी मिल के पिपराभिटौरा, विशुनपुर, इंद्रापुर, कर्नलगंज क्रय केंद्र शामिल हैं। केंद्र से जुड़े किसानों के गन्ने की तौल एसएमएस के जरिए की जा रही है। इनसेट

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नई व्यवस्था से कई फायदे

-कागज का उपयोग कम होने से सरकारी खर्च में कमी।

-कागज का कम उपयोग होने से पेड़ों की कटान में कमी।

-पर्ची वितरण में गड़बड़ी पर अंकुश।

-निर्धारित समय में गन्ने की तौल ।

-पर्ची हॉयल होने की दिक्कत खत्म।

-डिजिटल इंडिया अभियान को बढ़ावा।


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