बुझ गया घर का चिराग, परिजन बदहवास
गोंडा: रविवार का दिन बिरवा गांव में हर ओर कोहराम था। हर कोई बस यही कह रहा था कि अरे क्या हो गया। कक्
गोंडा: रविवार का दिन बिरवा गांव में हर ओर कोहराम था। हर कोई बस यही कह रहा था कि अरे क्या हो गया। कक्षा आठ के छात्र उमेश की मौत से हर कोई गमजदा था। कोई रो रहा था तो कोई नियति को कोस रहा था। इस हादसे ने भवानी प्रसाद के घर का चिराग बुझा दिया। मृतक छात्र के घर में अब उसकी मां मालती व पिता भवानी प्रसाद तथा उसकी दो बहनें प्रेमा देवी व रंजना हैं।
मां मालती देवी रो-रोकर कहती हैं कि हमार भइया पढ़ाई मा बहुत अच्छा रहे। उनके घर की रोशनी बुझ गयी। हमें यह नहीं पता था कि आज हमरे भइया पर इतनी बड़ी आफत आयेगी नहीं तो हम उसे स्कूल नहीं जाने देते। वैसे इस घटना के बाद कटरा बाजार के खंड विकास अधिकारी अनिरुद्ध प्रताप ¨सह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजाराम मिश्र, जिला पंचायत सदस्य भवानी भीख शुक्ल सहित अन्य लोगों ने ब्लॉक प्रमुख के घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त की और परिवार को ढांढस बंधाया।
पढ़ने नहीं खेलने आया था छात्र
-राम पियारे इंटर कॉलेज बिरवा के प्रधानाचार्य देवदत्त शुक्ल का कहना है कि विद्यालय में आए दिन छात्र खेलने के लिए आया करते हैं। रविवार को उमेश अपने साथी के साथ खेलने के लिए गया था। खेलने के बाद घर जाने के लिए विद्यालय में लगा गेट बंद करने लगा तभी अचानक गेट गिर जाने से ये हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि विद्यालय में ट्यूशन पढ़ाने की बात निराधार है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे- स्कूल का गेट गिरने का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी जिले के उमरी क्षेत्र में एक स्कूल का गेट गिर गया था। हालांकि सरकारी स्कूलों का भी हाल खराब है। आंकड़ों पर नजर डालें तो बेसिक शिक्षा विभाग के 3125 स्कूलों में से 396 के भवन जर्जर है। कई स्कूलों के भवन ऐसे हैं, जिनकी छतों के प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं। जिससे यहां पर पढ़ने वाले छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 1777 विद्यालयों में चहारदीवारी तक नहीं है। जिससे यहां पर पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।