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किसानों की उम्मीदों को झटका, नहीं बढ़ा गन्ना मूल्य

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By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 09:21 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:06 AM (IST)
किसानों की उम्मीदों को झटका, नहीं बढ़ा गन्ना मूल्य

गोंडा : किसान नकदी फसल के रूप में गन्ने की खेती करते हैं। कभी मौसम की मार तो कभी बेसहारा जानवरों के नुकसान से फसलों को बचाना किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। किसी तरह फसल तैयार कर किसान अच्छे रेट मिलने की आस में रहते हैं। इस बार भी उम्मीद थी कि गन्ना मूल्य कुछ न कुछ जरूर बढ़ेगा। चीनी मिलें भी नए गन्ना मूल्य घोषित होने के इंतजार में किसानों को भुगतान नहीं कर रही थीं। पेराई सत्र शुरू होने के करीब एक पखवारे बाद घोषित गन्ना मूल्य ने किसानों की उम्मीदों को तोड़ दिया है। गन्ना विभाग ने पेराई सत्र 2018-19 के रेट पर ही इस बार भी गन्ना क्रय करने का फैसला किया है। जिले में 1.37 लाख किसान गन्ने की खेती करते हैं।

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गन्ना ढुलाई के लिए विभाग ने भाड़े का रेट भी तय किया है। प्रति क्विटल गन्ने की ढुलाई 42 पैसे से लेकर 8.50 रुपये तय की गई है। चीनी मिलें किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान एक मुश्त करेंगी। चीनी मिलें गन्ना विकास समितियों को 5.50 रुपये प्रति क्विटल की दर से कमीशन भुगतान करेंगी। प्रमुख सचिव संजय आर.भूसरेड्डी ने निर्देश जारी किए हैं।

शिवराम उपाध्याय, महासचिव भाकियू, देवीपाटन मंडल का कहना है की गन्ने का मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति क्विटल होना चाहिए। सभी वस्तुओं का रेट बढ़ रहा है लेकिन, गन्ना मूल्य न बढ़ाना किसानों के साथ धोखा है। इससे कैसे किसानों की आय दोगुनी होगी।

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