256 कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में नहीं जमा हो रहा धन
बताया कि शासन ने अभी वित्तीय वर्ष 2019-20 की सूचना मांगी है। जिसे बनाकर भेजा जा रहा है। जो आदेश मिलेगा उसका अनुपालन कराया जाएगा।
गोंडा : बेसिक शिक्षा विभाग में विभिन्न कार्यों के लिए सेवा प्रदाता व विभागीय संविदा पर 256 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनको हर माह निर्धारित मानदेय का भुगतान किया जा रहा है जबकि इनके भविष्य निधि खाते (ईपीएफ) के लिए कटौती नहीं की जा रही है। यह धनराशि 57.58 लाख रुपये है।
दो वर्ष पहले ईपीएफ कमिश्नर ने आठ करोड़ रुपये की देनदारी तय करते हुए बीएसए के खाते पर रोक लगा दी थी। बाद में उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद खाते का संचालन शुरू हुआ लेकिन, कर्मचारियों के भविष्य निधि में रुपये जमा नहीं किए जा रहे हैं। अब एक बार फिर से इसपर कार्यवाही शुरू हुई है। शासन से कर्मचारियों के विवरण मांगे गए हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद धनराशि जमा करने को लेकर निर्णय लिया जा सकेगा। हालांकि, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व मिड डे मील की रसोइयों को बाहर कर दिया है।
जिला समन्वयक, ईएमआइएस इंचार्ज, लेखाकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, वार्डेन, फुल/पार्ट टाइम टीचर सहित अन्य पदों पर संविदा के आधार पर ढाई सौ से अधिक लोग कार्य कर रहे हैं। इनके मानदेय से हर माह करीब 4.79 लाख की कटौती कर ईपीएफ मद में जमा किया जाना चाहिए। वित्तीय वर्ष 2019-20 की बात करें तो कर्मचारियों के 57 लाख 58 हजार 740 रुपये बनते हैं। लेकिन, ये जमा नहीं किए गए हैं। कई कर्मचारी हुए बाहर
- पहले शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व कर्मचारियों के ईपीएफ कटौती किए जाने की बात कही जा रही थी। अब जो लिस्ट बनाई गई है, उसमें इनको बाहर कर दिया गया है। केवल कार्यालयों में कार्यरत समन्वयकों व कर्मचारियों की सूची भेजी जा रही है।
जरूरी है ईपीएफ कटौती
- सरकारी सेवकों के वेतन से जीपीएफ/सीपीएफ की कटौती की जाती है। इसी तरह से संविदा पर कार्य करने वालों के लिए ईपीएफ की व्यवस्था बनाई गई। जिससे किसी कर्मचारी के साथ कोई अप्रिय घटना होने पर उसके आश्रित को रकम दी जा सके और वे जीवन निर्वाह कर सकें। लेकिन, यहां कटौती नहीं की जा रही है। इससे कर्मचारियों का नुकसान हो रहा है।
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- बीएसए मनिराम सिंह ने बताया कि शासन ने अभी वित्तीय वर्ष 2019-20 की सूचना मांगी है। जिसे बनाकर भेजा जा रहा है। जो आदेश मिलेगा, उसका अनुपालन कराया जाएगा।