मानव के लिए अनुकरणीय है श्रीराम का चरित्र
गोंडा : महगूंपुर स्थित कपिल मुनि आश्रम में नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया। अयोध्या धाम से पधारे
गोंडा : महगूंपुर स्थित कपिल मुनि आश्रम में नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया। अयोध्या धाम से पधारे कथा बालव्यास महाराज ने मंगलवार को भरत प्रेम व पार्वती जन्म तथा शिव से विवाह की कथा सुनाई।
व्यास जी ने कहा कि संसार में किसी वस्तु का अभाव नहीं है। अभाव है तो हमारे आपके भाव में है क्योंकि भगवान तो भाव के वश में होते हैं। रामकथा से हमें संस्कारों की शिक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र पुत्र, पिता, भाई, राजा, पालक सभी के लिये अनुकरणीय है। इसके साथ ही सीता जी, लक्ष्मण भी समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत करते हैं। भरत द्वारा भाई के सम्मान में राज पाट को त्याग
देना जैसे प्रसंग युगों-युगों तक मानव समाज को प्रेरणा देते रहेंगे। शिव पार्वती के विवाह प्रसंग के विषय में व्यास जी कहते हैं कि जीवन में चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति के लिए विवाह संस्कार
करवाया जाता है। जहां दो आत्माएं एक-दूसरे के लिए अपना समर्पण करती हैं। भगवान शिव और सती माता का समर्पण भी आज जगजाहिर है। संसार में प्रत्येक स्त्री को मां पार्वती की भांति पति के सुख में ही अपना सुख समझना चाहिए। शिव पार्वती विवाह की सुंदर झांकी व आरती के पश्चात कथा का समापन हुआ। इस मौके पर शरद पांडेय, सतीश सहित अन्य मौजूद रहे।