भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन आज, तैयारियां पूरी
भद्राकाल में रक्षाबंधन का कार्य निषिद्ध है। सुबह भद्राकाल में रक्षाबंधन का कार्य निषिद्ध है। सुबह भद्राकाल में रक्षाबंधन का कार्य निषिद्ध है। सुबह भद्राकाल में रक्षाबंधन का कार्य निषिद्ध है। सुबह भद्राकाल में रक्षाबंधन का कार्य निषिद्ध है। सुबह भद्राकाल में रक्षाबंधन का कार्य निषिद्ध है। सुबह
गोंडा: भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन सोमवार को है। बाजार में रंग बिरंगी राखियों की भरमार है। बच्चों को मोटू-पतलू, छोटा भीम, कृष्णा वाली राखियां लुभा रही हैं। यही नहीं, गणेश वाली राखियां भी खूब बिक रही हैं। वहीं, भाइयों ने बहनों को गिफ्ट देने के लिए भी तैयारी की है।
सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व है। यह पर्व भाई-बहन के स्नेह का पर्व है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनसे रक्षा का वचन लेती हैं। भाई बहनों को गिफ्ट देते हैं। इस बार कोरोना के संक्रमण को देखते हुए रक्षाबंधन पर भी इसका असर पड़ रहा है। वैसे रविवार को बाजार में बहनों ने राखी खरीदी। मिठाइयों की दु़कानों पर भी खरीदारी की गई। क्या है शुभ संयोग
- ज्योतिषाचार्य पंडित शेषमणि के मुताबिक सुबह 8.30 बजे से लेकर रात 8.21 बजे तक राखी बांधी जा सकती है। वैसे सुबह 8.44 बजे से लेकर 10.21 बजे तक सबसे अधिक शुभ मुहूर्त है। शुभ ग्रहों और नक्षत्रों की मौजूदगी भाई-बहन के स्नेह की डोर और मजबूत बनाएगी। बदली तैयारी
- कोरोना के कारण इस बार कई बहनों व भाइयों ने अपने कार्यक्रम में बदलाव किया है। सिविल लाइंस के अनिकेत का कहना है कि उनकी बहन मुंबई में रहती है, हर रक्षाबंधन पर वह आती थी। लेकिन, इस बार वीडियो कॉलिग के जरिए रक्षाबंधन मनाया जाएगा। दिल्ली में रह रही प्रीति की भी यही समस्या है। प्रशासन ने किए प्रबंध
- जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों तक रक्षाबंधन पहुंचाने के लिए शनिवार तक उनकी बहनों द्वारा उपलब्ध कराई गई राखियों का पैकेट तैयार कर लिया गया है। जिसे सोमवार को संबंधित बंदियों को वितरित किया जाएगा। वहीं प्रशासन ने शहर में चौकसी के लिए प्रबंध किए हैं।