अब जेल में बंदी भी सुन सकेंगे मन पसंद संगीत, कैदियों की सोच बदलने के लिए उठाया कदम Gonda News
गोंडा के जिला कारागार में होगा रेडियो संगीत का प्रबंध तैयारियों में जुटा जेल प्रशासन।
गोंडा, जेएनएन। अब जिला कारागार के बंदियों की सोच बदलने की तैयारी है। जेल से बाहर जाने के बाद वह दोबारा अपराध की तरफ न आएं, कुछ अच्छे विचार संजोए। कुछ नया करें, जिससे उन्हें अपराध बोध का शिकार न होना पड़े.. इसके लिए जेल प्रशासन कई प्रयासों के बाद अब उनके मनोरंजन पर भी जोर दे रहा है। जेल में टेलीविजन लगवाने के बाद अब जेल रेडियो शुरू होने जा रहा है। जिस पर बंदियों की फरमाइश पर ही गीत बजेंगे। इसके लिए जेल प्रशासन ने प्रबंध तेज कर दिए हैं।
मौजूदा समय में गोंडा जिला जेल में 804 बंदी है। जिन्हें अलग-अलग बैरकों में रखा जा रहा है। कई बंदी ऐसे हैं, जो गुमसुम रहते हैं। वह अपने में ही खोये रहते हैं। ऐसे में अब इन बंदियों की सोच बदलने के लिए संगीत का सहारा लेने की येाजना बनाई गई है। इसके लिए जेल रेडियो तैयार किया गया है। इसके माध्यम से जेल की बैरकों के बाहर स्पीकर लगाए गए हैं। जिस पर बंदियों की पसंद के गाने बजेंगे। इसके लिए सिस्टम को तैयार किया जा रहा है। बंदी अपनी फरमाइश जेल अधीक्षक के पास पहुंचाएंगे, जिसके बाद उसे बजाया जाएगा। इसमें फिल्मी से लेकर भक्तिगीत भी शामिल किए जाएंगे।
अभी तक यह है प्रबंध
जिला जेल में अभी तक बंदियों के लिए टेलीविजन के अतिरिक्त इंडोर गेम की व्यवस्था है। रामनाम लिखवाने का अभियान पहले ही चलाया जा चुका है। स्वरोजगार से जोडऩे के लिए महिला बंदियों को निश्शुल्क सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। स्वस्थ रहने के लिए योग शिविर का आयोजन हो चुका है।
जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह का कहना है कि बंदियों के लिए जेल रेडियो शुरू किया जा रहा है। इसे सितंबर माह से संचालित किया जाएगा। जिसमें बंदी अपनी पसंद के गाने सुन सकेंगे।