वृद्धजनों में बढ़ रही भूलने की बीमारी
मनोसामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने विभिन्न आई0ई0सी0 सामग्रियों के माध्यम से लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया । उन्होंने बताया कि डेमेंशिया के मरीजों का परिवार के अन्य लोगों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है जैसे कि उन्हें प्रतिदिन होने वाली समसामयिक घटनाओं के बारे में अखबार या टेलीविजन के माध्यम से बताते रहें 7 वृद्धाश्रम में उपस्थित लोगों ने कहा कि समय-समय पर इस तरह के शिविर का आयोजन होते रहने से घर से बेघर हुए निराश्रित वृद्धजनों को भी समुचित चिकित्सा सेवा का लाभ आसानी से मिल जाता है 7 इस मौके पर
गोंडा: राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने पंतनगर स्थित वृद्धाश्रम में वृद्धजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। साथ ही दवाओं का वितरण किया।
मनोचिकित्सक डॉ. दिव्येश बर्नवाल ने कहा कि समाज और नयी पीढ़ी को सही दिशा दिखाने और मार्गदर्शन के लिए वरिष्ठ नागरिकों के योगदान को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वृद्धजनों को प्यार और देखभाल की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि समाज के वृद्ध व्यक्तियों की सेवा में युवाओं को अपने दायित्व को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि ये वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने आज के युवाओं को अपनी अंगुली पकड़ाकर चलना सिखाया है। शिविर में शारीरिक कमजोरी, बुखार, खांसी, ब्लड प्रेशर, श्वांस, नींद व पेट संबंधी समस्याओं के रोगी मिले। इन सभी लोगों के शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ उनका सामान्य मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। पहले की अपेक्षा लोगों में याददाश्त की कमी बढ़ रही है। इस विषय पर चर्चा करते हुए मनोचिकित्सक ने कहा कि शुगर, ब्लड-प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी दिमाग के खून के संचार को कम करता है, जिससे भूलने की बीमारी बढ़ती है। सही दिनचर्या, संतुलित-पौष्टिक आहार एवं नियमित व्यायाम से सामान्य शारीरिक व मानसिक रोग की समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कार्यक्रम में उमेश कुमार, दीपमाला, तुषार, सौरभ, रजनी सहित अन्य मौजूद रहे।