पुलिस ने मरीज को उठाया, बेड पर कब्जा जमाया
गोंडा: कार्यप्रणाली में सुधार की नसीहतों के बाद भी खाकी नहीं बदल रही है। जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड
गोंडा: कार्यप्रणाली में सुधार की नसीहतों के बाद भी खाकी नहीं बदल रही है। जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड में भर्ती एक मरीज के बेड पर पुलिस ने कब्जा जमा लिया। परिवारजन के विरोध के बाद मरीज को दोबारा बेड मिल सका। वहीं पर वारंटी की तलाश में पुलिस ने एक घर में घुसकर महिला को पीटकर बेहोश कर दिया। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस अब इसको लेकर तर्क वितर्क कर रही है।
पहली घटना जिला अस्पताल की है। यहां पर मोतीगंज थाना क्षेत्र के अकमा गांव के कृपाशंकर शुक्ल का पैर फ्रैक्चर हो गया था। 18 मार्च को जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड में 11 नंबर बेड पर भर्ती कराया गया था। शनिवार को मरीज का एक्सरे कराने के लिए परिवारजन लेकर गए थे। लौटकर आए तो उनके बेड पर एक बंदी के साथ आए पुलिस बंदी रक्षकों ने कब्जा जमा लिया। शिकायत स्टॉफ ने मरीज को बेड दिलाया। रात में जब परिवार के अन्य सदस्य चले गए तो फिर बंदी रक्षकों ने बेड को कब्जा कर लिया। भर्ती मरीज को जबरन उसे वहां से उठा दिया। सूचना पर रात में तकरीबन डेढ़ बजे परिवारजन आए। बाद में उसे दूसरा 13 नंबर बेड देकर मामले को शांत कराया गया। प्रभारी सीएमएस डॉ. वीसी गुप्ता कहते हैं कि अधिकारियों को जानकारी दी गई है।
दूसरी घटना शहर के साहबगंज मुहल्ले की है। मोहम्मद फारुख के बेटे गुड्डू उर्फ इसरार के खिलाफ 11 साल पुराने किसी मामले में वारंट लेकर कोतवाली पुलिस शनिवार की देर रात करीब एक बजे उसके घर गई थी। पुलिस ने दरवाजा खटखटाया तो बुजुर्ग पिता ने दरवाजा खोला। तभी पुलिस धड़धड़ाते हुए घर में घुस गई। बताया गया कि गुड्डू अपने मां की दवा लाने लखनऊ गया हुआ है। इस पर पुलिस ने फारुख को पीटना शुरू कर दिया। पत्नी सकीरा बचाने दौड़ी तो उसे धक्का देकर गिरा दिया और उसे भी मारा पीटा। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवारजन ने अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया है। पुलिस की कार्यप्रणाली का वीडियो भी वायरल हुआ है। सीओ सिटी महावीर सिंह का कहना है कि अस्पताल की घटना के बाबत जानकारी की जा रही है। साहबगंज में पुलिस पर पिटाई का आरोप बेबुनियाद है। वारंटी की तलाश में छापेमारी की गई है।