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महज 1802 किसानों ने कराया पंजीकरण

गोंडा : जिले में इस बार धान खरीद के लिए कुल 52 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। इनमें खाद्य विभाग के नौ, पीस

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 11:46 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 11:46 PM (IST)
महज 1802 किसानों ने कराया पंजीकरण
महज 1802 किसानों ने कराया पंजीकरण

गोंडा : जिले में इस बार धान खरीद के लिए कुल 52 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। इनमें खाद्य विभाग के नौ, पीसीएफ के 30 व यूपीपीसीयू के 13 केंद्र शामिल हैं। सरकार ने जिले को 24100 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य इस बार दिया है। पंजीकृत किसान ही सरकारी क्रय केंद्रों पर अपना धान बेच सकेंगे। खास बात ये है कि अब तक केवल 1802 किसानों ने ही पंजीकरण कराया है। जबकि पिछले साल 3383 किसानों द्वारा सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचा गया था। रविवार व अवकाश के दिन को छोड़कर सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक खरीद होनी चाहिए।

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केंद्रों पर नहीं हैं सुविधाएं : धान क्रय केंद्रों पर किसानों के लिए मुहैया कराई जाने वाली मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। किसानों को बैठने के लिए न तो पर्याप्त बेंच व तख्त हैं और न ही उनके पीने के लिए पानी। इसके अलावा किसानों के बैलों के लिए न तो नाद की व्यवस्था है और न ही उनके ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह। यही नहीं मौजूदा समय तो यह हाल है कि किसानों को उनकी समस्या का हल बताने वाला कोई नहीं मिल रहा है।

अब तक राइस मिलर्स ने नहीं किया अनुबंध : सरकार की मंशा के अनुरूप धान खरीद व्यवस्था संचालित है लेकिन, किसानों से खरीदे जाने वाले सरकारी धान की कुटाई के लिए अब तक जिले में एक भी चावल मिलों से अनुबंध नहीं हो पाया है। पिछले वर्ष जिले के आठ राइस मिलरों द्वारा धान कुटाई का अनुबंध किया गया था लेकिन, इस बार एक भी अनुबंध नहीं हुआ। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी लाल बहादुर गुप्त का कहना है कि अभी तक केवल तीन मिल संचालकों द्वारा सत्यापन कराया गया है। जबकि अन्य पांच मिलों के मालिक भौतिक सत्यापन कराने से ही कतरा रहे हैं। ऐसे में पांच मिलों के लाइसेंस निलंबन के लिए पत्र लिखा गया है। अब सवाल उठता है कि मिलों से अनुबंध के पहले खरीद कैसे शुरू हो गयी? खरीदा गया धान कुटाई के लिए कहां दिया जाएगा?

आढ़तियों का बाजार गर्म : धान खरीद की सरकारी व्यवस्था जहां हाफ रही, वहीं आढ़तियों की चांदी है। वह क्रय केंद्रों के निकट ही दुकान सजाए बैठे हैं। नवाबगंज मंडी परिसर के आढ़ती के यहां जहां धान भरे बोरों की लाट लगी है, वहीं बगल स्थित क्रय केंद्र पर सन्नाटा है। इसी तरह जिला मुख्यालय स्थित मंडी में भी आढ़तियों के यहां धान की आवक बनी हुई है।

यह है निर्धारित मूल्य : सामान्य धान 1750 रुपये प्रति क्विंटल

-ग्रेड ए धान-1770 रुपये प्रति क्विंटल

बाजारभाव1400 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल

कोट

कर्मचारियों की हड़ताल के चलते धान खरीद ठप है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शासन को पत्राचार किया जा रहा है। जल्द ही समस्या के समाधान के उम्मीद है।

-रत्नाकर मिश्र, एडीएम/नोडल अधिकारी धान खरीद


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