यहां हाकिम की चौखट पर दम तोड़ रही फरियाद
थाने व तहसील में नहीं होती सुनवाई फरियादी लगा रहे जिला मुख्यालय के चक्कर
गोंडा : जन शिकायतों की सुनवाई के लिए भले ही व्यवस्थाएं अलग-अलग हों लेकिन, अफसर शिकायतों को लेकर गंभीर नहीं है। यदि थाने व तहसील में फरियाद सुनकर समस्या का समाधान करा दिया जाता तो पीड़ितों को 30-40 किलोमीटर का चक्कर लगाकर जिला मुख्यालय न आना पड़ता। न्याय की आस लेकर आने वाले फरियादियों की मुलाकात यदि अफसरों से न हो तो निराश होकर उन्हें लौटना पड़ता है। यहां अफसरों की चौखट पर फरियाद दम तोड़ती नजर आ रही है। पेश है रमन मिश्र व छायाकार अमित पांडेय की आंखों देखी रिपोर्ट :
इनसेट
खेती नहीं करने दे रहे दबंग
- सुबह के करीब सवा दस बज रहे थे। कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम के कार्यालय का गेट बंद था। परिसर में ही रखी बेंच पर वजीरगंज के ढोढि़यापारा निवासी सूर्यलाल गोस्वामी बैठकर इंजतार करते दिखे। उन्होंने बताया कि गांव के ही कुछ दबंग लोग बैनामे की जमीन पर खेती नहीं करने दे रहे हैं। थाने व तहसील में जब सुनवाई नहीं हुई तो यहां आना पड़ा। एक घंटे से वह अफसर के आने का इंतजार कर रहे हैं। यहां से थोड़ी दूर पर नगर मजिस्ट्रेट के कार्यालय परिसर में भी सन्नाटा पसरा दिखा। यहां विष्णुपुरी कॉलोनी के संजय शुक्ल जलभराव की समस्या लेकर आए थे। उनका कहना था कि नालियां टूटी हुई हैं और जिससे घरों से निकलने वाला पानी सड़कों पर भरा रहता है। कलेक्ट्रेट परिसर में कर्नलगंज के सकरौरा गांव निवासी बिट्टू मिश्रा का कहना था कि गांव के दबंग उनकी ही जमीन पर घर नहीं बनाने दे रहे हैं। तहसील व कोतवाली में सुनवाई न होने पर वह डीएम से न्याय की आस लेकर आई हैं। सदर तहसील में एसडीएम वीर बहादुर यादव फरियादियों का इंतजार करते दिखे।
डीएम ने जनता दर्शन में की सुनवाई
- डीएम ने साढ़े दस बजे से जनता दर्शन में जनशिकायतों की सुनवाई करके निस्तारण कराने के निर्देश दिए। पंडरीशंकर गांव में फर्जी एग्रीमेंट के जरिए किसानों की जमीन हड़पने के मामले में कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारी को कहा गया। इसके अलावा जमीनी विवाद में राजस्व व पुलिस टीम को संयुक्त रूप से टीम बनाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
सभी विभागाध्यक्षों को निर्धारित समय पर कार्यालय में उपस्थित रहकर जनशिकायतों की सुनवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। कोविड-19 की समीक्षा प्रत्येक दिवस शाम को कंट्रोल रूम में की जाती है। यदि कोई अधिकारी समय से कार्यालय नहीं पहुंचता है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. नितिन बंसल, डीएम गोंडा