अब स्टेट क्वालिटी मॉनीटर जांचेंगे मनरेगा की गुणवत्ता
ग्राम्य विकास आयुक्त ने सहयोग के लिए लिखा पत्र
गोंडा : मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ी को लेकर आ रही शिकायतों पर शासन ने बड़ा निर्णय लिया है। अब प्रत्येक मंडल में कार्य के गुणवत्ता की जांच स्टेट क्वालिटी मॉनीटर करेंगे। इसके लिए देवीपाटन समेत अन्य मंडलों में तैनाती कर दी गई है। प्रत्येक मॉनीटर को दो-दो मंडल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्राम्य विकास आयुक्त ने जांच में सहयोग के लिए अधिकारियों को पत्र भेजा है।
गांवों में जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू है। इसके तहत प्रत्येक पंजीकृत परिवार को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। मनरेगा के तहत कार्य कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत के अलावा अन्य कार्यदायी विभागों को सौंपी गई है। विकास कार्यों में खराब गुणवत्ता के साथ ही घोटाले का भी राजफाश हो चुका है। ऐसे में गड़बड़ियों को रोकने के साथ ही गुणवत्ता की जांच के लिए शासन ने स्टेट क्वालिटी मॉनीटर नियुक्त किए हैं। ये आवंटित जिलों में मनरेगा की परियोजनाओं को चिह्नित करके गुणवत्ता की जांच करेंगे। देवीपाटन समेत अन्य मंडलों की जिम्मेदारी 9 मॉनीटर संभालेंगे। ग्राम्य विकास आयुक्त के. रविद्र नायक ने जांच में सहयोग के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। डीएम डॉ. नितिन बंसल ने सीडीओ को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
किसको मिली कहां की जिम्मेदारी
- विकास चंद्र आर्य को बस्ती व देवीपाटन मंडल, सुधीर कुमार गोयल को अयोध्या व वाराणसी, अनिल कुमार सिंह सेंगर को झांसी व चित्रकूट, मानिक चंद्र प्रयागराज व मिर्जापुर, प्रभुदत्त शर्मा को सहारनपुर व मुरादाबाद, राजनाथ यादव को मेरठ व अलीगढ़, सैय्यद जब्बार हुसैन को आगरा व बरेली, राकेश कुमार शर्मा को लखनऊ व कानपुर, सत्य नरायन को आजमगढ़ व गोरखपुर मंडल की जिम्मेदारी दी गई है।