किसी को दस तो कइयों का एक भी पर्ची नहीं मिली
को एक पखवारे में एक किसान कोड पर दस पर्ची दे दी गई मगर जरूरतमंद किसानों को एक भी पर्ची मयस्सर नहीं है। मैजापुर चीनी मिल परिक्षेत्र के सामान्य प्रजाति के गन्ना किसानों को बिक्री पर्चियों के लाले पड़े हैं। सहकारी गन्ना समिति पर पर्चियों की कालाबाजा
गोंडा : किसी गन्ना किसान को एक पखवारे में एक किसान कोड पर दस पर्ची दे दी गई मगर जरूरतमंद किसानों को एक भी पर्ची मयस्सर नहीं है। मैजापुर चीनी मिल परिक्षेत्र के सामान्य प्रजाति के गन्ना किसानों को बिक्री पर्चियों के लाले पड़े हैं। सहकारी गन्ना समिति पर पर्चियों की कालाबाजारी जारी है।
हम बात कर रहे हैं मैजापुर चीनी मिल परिक्षेत्र के सहकारी गन्ना समिति मैजापुर की। यहां के कुछ किसान ऐसे हैं, जिनकी कई पर्चिंयां जारी हो चुकी है। जबकि कुछ ऐसे हैं जो भटक रहे हैं। मिल परिक्षेत्र के 25 हजार से अधिक किसानों में से अधिकांश किसान पर्ची न मिलने का रोना रो रहे हैं। गन्ना किसान कृष्ण कुमार ने बताया कि इस तरह के सैकड़ों फर्जी किसान असली गन्ना किसानों को चूना लगा रहे हैं। नंद किशोर चौबे ने बताया कि हमारे 8412/38 कोड पर अभी तक 48 के सापेक्ष पांच पर्ची ही सामान्य प्रजाति की आई है। केके तिवारी ने कहा कि हमारे कोड 8420/31 के 39 के सापेक्ष मात्र 10 पर्ची मिली है। रामसभा का कहना है कि पर्ची का इंतजार कर रहे हैं। कब मिलेगी और कब गन्ना बिकेगा। क्षेत्र के कटुआनाला, नरायनपुर कला, दुबहाबाजार सहित दो दर्जन से अधिक गन्ना बेल्ट में अभी तक 30 फीसदी गन्ना खेत में खड़ा है। भूप सिंह ने कहा कि चुनावी मौसम का दलाल व मिल लाभ बखूबी उठा रहे हैं। चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना पीके चतुर्वेदी ने कहा कि हम किसानों का सामान्य प्रजाति का गन्ना खरीद रहे हैं। पर्ची वितरण का काम समिति का है। समिति के सचिव हरिश्चंद्र चौधरी ने बताया कि बड़े किसानों की अधिक पर्चियां निकाली गई हैं। बेसिक कोटा के सापेक्ष अधिक पर्ची निकलने पर सचिव चुप्पी साध गये। वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक देवेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि सभी प्रजातियों की पर्ची जारी की जा रही है। शिकायत मिलने पर अनियमित निर्गत हुई पर्चियों के कोड व बेसिक कोटे की जांच कर कार्रवाई की जायेगी।