Move to Jagran APP

धान खरीद के लिए पंजीकरण में गोंडा सबसे फिसड्डी

मतपवनननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननन

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 09:59 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 09:59 PM (IST)
धान खरीद के लिए पंजीकरण में गोंडा सबसे फिसड्डी
धान खरीद के लिए पंजीकरण में गोंडा सबसे फिसड्डी

गोंडा : देवीपाटन मंडल में धान खरीद के लिए करीब पांच हजार किसान अपना पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें सबसे खराब प्रगति गोंडा जिले की है। यहां महज 67 किसानों ने अब तक अपना पंजीकरण कराया है। शासन ने मूल्य समर्थन योजना के तहत वर्ष 2019-20 के लिए जिले में 24800 एमटी धान खरीद का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए चार संस्थाओं के 67 क्रय केंद्र खोले गए हैं। एक नवंबर से प्रस्तावित धान खरीद को लेकर न तो किसानों की रुचि दिख रही है और न ही अफसरों की दिलचस्पी। ये हाल तब है जब एक माह पूर्व किसानों का पंजीकरण कराने के लिए खाद्य विभाग ने तहसीलवार कर्मियों की तैनाती करके जिम्मेदारी सौंपी थी। जिले में करीब सवा लाख किसान धान की खेती करते हैं। खरीफ की मुख्य फसल धान होती है। इस बार मौसम के साथ देने से फसल भी अच्छी है। ऐसे में यदि किसानों ने पंजीकरण नहीं कराया तो वह धान की बिक्री से वंचित रह सकते हैं। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी लाल बहादुर गुप्त का कहना है कि पंजीकरण की स्थिति खराब पाई गई है, संबंधित से जवाब-तलब किया जाएगा। इनसेट

loksabha election banner

इनसेट

फैक्ट फाइल

तहसील-चार

ब्लॉक-16

ग्राम पंचायत-1054

राजस्व ग्राम-1821

कुल किसान-500276

धान की बोआई-131305 हेक्टेयर संस्थावार धान खरीद का लक्ष्य

संस्था का नाम लक्ष्य

खाद्य विभाग 2500

पीसीएफ 8200

पीसीयू 8100

यूपीएसएस 6000

नोट : लक्ष्य मीट्रिक टन में है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.