मृतक व नाबालिग के नाम से बने हैं जॉबकार्ड, होगी जांच
मनरेगा के तहत 1 सा ा ेय रंग
गोंडा : मनरेगा की वेबसाइट पर बैजपुर की सूफिया बेगम के नाम से डबल जॉबकार्ड रजिस्टर्ड हैं, वहीं, रमेश कुमार के नाम से भी दो जॉबकार्ड अलग-अलग नंबर से जारी हैं। यहां कई ऐसे नाम जॉबकार्ड धारक के रूप में पंजीकृत किए गए हैं, जो किसी दूसरे गांव के रहने वाले हैं। कई ऐसे गांव भी हैं जहां मनरेगा के तहत मृतकों व नाबालिग के नाम से जॉबकार्ड प्रचलन में होने की शिकायतें मिल रही हैं, इसके जरिए अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से इनका मस्टरोल जारी करके भुगतान भी करा लिया जाता है। ये खुलासा सीडीओ आशीष कुमार की पड़ताल में सामने आया है। जिले की 1054 ग्राम पंचायतों में पंजीकृत 2.88 लाख जॉबकार्ड धारकों का सत्यापन कराने के लिए 16 ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारी को अभियान चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सत्यापन के बाद मृतक व नाबालिग के जॉबकार्ड डिलीट कराने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा ये भी सुनिश्चित कराने को कहा गया है कि कार्यस्थल पर वास्तविक रूप से कार्य करने वाले श्रमिक को ही भुगतान होना चाहिए। बिना कार्य किए ही भुगतान होने पर बीडीओ की जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। उपायुक्त श्रम एवं रोजगार हरिश्चंद्र राम प्रजापति का कहना है कि सभी बीडीओ से सत्यापन करके रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इनसेट
फैक्ट फाइल
ब्लॉक-16
ग्राम पंचायत-1054
कुल जॉबकार्ड धारक-288811
महिला श्रमिक-123298
पुरुष श्रमिक-379171
एक्टिव जॉबकार्ड-175822 इनसेट
क्या है व्यवस्था
-मनरेगा के तहत 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति मजदूरी कर सकता है, इसके लिए उसे प्रत्येक दिवस 182 रुपये की दर से मजदूरी का भुगतान ईएफएमएस (इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए ऑनलाइन बैंक खाते में किया जाता है। मनरेगा में प्रत्येक परिवार को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। पंजीकृत जॉबकार्ड में दर्ज मुखिया के साथ ही अन्य सदस्यों को रोजगार देने की व्यवस्था है।
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