यात्रीकर अधिकारी को दी लाइसेंस बनाने की जिम्मेदारी
टेक्निकल अधिकारी से काम नहीं लिया जा रहा है। अब इस तरह से कार्यों के वितरण को लेकर जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हालांकि, संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन को मॉनीट¨रग की जिम्मेदारी गई है। आरआइ से काम न लेना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। लखनऊ परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्त अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि पीटीओ से लाइसेंस संबंधी कार्य नहीं नहीं लिया जा सकता है। आरटीओ प्रशासने जानकारी की जा रही है।
गोंडा : एक तरफ सड़क सुरक्षा को लेकर कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ड्राइ¨वग का पूर्ण ज्ञान होने पर वाहन चलाने की सीख दी जा रही है लेकिन, संभागीय परिवहन कार्यालय में लाइसेंस बनाने की जिम्मेदारी नॉन टेक्निकल अधिकारी को सौंप दी गई है। ऐसे में जरूरी औपचारिकता पूरी करने के विभागीय अफसरों के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आरटीओ कार्यालय में कार्य आवंटन में मनमानी का खेल चल रहा है। लाइसेंस बनाने की व्यवस्था अपारदर्शी है। लर्निंग लाइसेंस के अभ्यर्थियों की परीक्षा लेने के साथ ही स्थाई लाइसेंस का टेस्ट कराने की जिम्मेदारी यात्रीकर अधिकारी (पीटीओ) को दे दी गई है। जबकि कार्यालय में परिवहन विभाग ने संभागीय प्राविधिक निरीक्षक (आरआइ) की तैनाती की है। बावजूद इसके टेक्निकल अधिकारी से काम नहीं लिया जा रहा है। अब इस तरह से कार्यों के वितरण को लेकर जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हालांकि, संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन को मॉनीट¨रग की जिम्मेदारी गई है। आरआइ से काम न लेना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। लखनऊ परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्त अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि पीटीओ से लाइसेंस संबंधी कार्य नहीं नहीं लिया जा सकता है। आरटीओ प्रशासन ने बताया कि जानकारी की जा रही है।