1.57 करोड़ खर्च, हिसाब देने में छूट रहे पसीने
गांव में एक छत के नीचे जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं
गोंडा : गांव में एक छत के नीचे जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पंचायत भवन निर्माण की योजना मनमानी की भेंट चढ़ गई है। यहां भवन निर्माण के लिए दूसरी किस्त मांगना तो दूर पंचायतें पहली किस्त के रूप में खर्च किए गए 1.57 करोड़ रुपये का हिसाब भी नहीं दे पा रही हैं। ये हाल तब है जब अधूरी परियोजनाओं को जल्द पूरी कराने के लिए शासन ने फरमान जारी कर रखा है। ब्लॉक स्तर पर निगरानी के बावजूद न तो भवन निर्माण पूरा हो सका है और न ही खर्च का हिसाब मिला। ऐसे में अब ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पंचायतीराज विभाग राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत पंचायत भवन निर्माण योजना संचालित कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में पंचायत भवन निर्माण के लिए 23 ग्राम पंचायतें चयनित की गई थीं। प्रत्येक पंचायत भवन के निर्माण पर 17.46 लाख रुपये खर्च की स्वीकृति दी गई थी। प्रथम किस्त के रूप में 8.73 लाख रुपये का आवंटन ग्रामनिधि खाते में किया गया था। निर्धारित मानक के अनुसार निर्माण कार्य पूराकर द्वितीय किस्त के धनराशि की डिमांड के साथ ही खर्च की गई धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र मांगा गया था। छह माह से अधिक का समय बीतने के बावजूद अभी तक 18 ग्राम पंचायतें खर्च का हिसाब नहीं दे सकी हैं। डीपीआरओ सभाजीत पांडेय का कहना है कि संबंधित कर्मचारियों से जवाब-तलब किया गया है। निर्धारित अवधि में संतोषजनक जवाब उपलब्ध न कराने पर संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दी जाएगी। इन ग्राम पंचायतों ने नहीं दिया उपभोग प्रमाण पत्र
बभनजोत ब्लॉक की ग्राम पंचायत कोल्हई गरीब, नवाबगंज में रामापुर, रुपईडीह खरगूपुर इमिलिया, परसपुर नंदौर, कर्नलगंज नरायनपुरमाझा व लालेमऊ, पंडरीकृपाल टिकरिया, कटराबाजार अशोकपुर, वजीरगंज नगवा व सोहना, बेलसर डिकसिर, हलधरमऊ सेल्हरी, मनकापुर अशरफपुर व कटहरबुटहनी, मुजेहना डेवरीकला, राजपुर, बेलहरीबुजुर्ग व खिरिया।