पुलिस ने जब्त किया मोबाइल, कॉल डिटेल से होगी पड़ताल
गोंडा: प्रभारी सीएमओ डॉ. सैय्यद गयासुल हसन की मौत के मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने
गोंडा: प्रभारी सीएमओ डॉ. सैय्यद गयासुल हसन की मौत के मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने उनके पास से मिले सीएमओ के सरकारी सीयूजी मोबाइल के साथ ही वहां पर मिले अन्य अभिलेखों को कब्जे में ले लिया है। पुलिस अब कॉल डिटेल निकालने में जुट गयी है। उनकी अंतिम बार किससे बात हुई, क्या बात हुई। साथ ही कुछ अन्य जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं।
दरअसल, जिले में तैनात डॉ. हसन के पास कई महत्वपूर्ण पटल का प्रभार था। सीएमओ के बाद वह सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी थे। स्वास्थ्य विभाग में मुख्य दवा स्टोर के प्रभारी का पद काफी महत्वपूर्ण होता है। संबंधित प्रभारी के माध्यम से ही जिले के ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली दवाओं की खरीद सहित अन्य व्यवस्थाओं की कमान होती है। इसके साथ ही उनके पास कुष्ठ रोग नियंत्रण अधिकारी के साथ ही एनसीडी सेल व अंधता निवारण कार्यक्रम का भी प्रभार था। साथ ही संक्रामक बीमारियों के मौके पर भी उन्हें ही भेजा जाता था। सोमवार को उनकी मौत के बाद एक बार फिर तमाम सवाल उठने शुरू हो गए हैं। हर कोई उनकी मौत की वजह जानना चाहता है। कोई उनके विनम्र स्वभाव का कायल है तो कोई उनकी सादगी की तारीफ कर रहा है। फिलहाल, पत्नी हिना हसन का कहना है कि पिछले दिनों 27 अक्टूबर को सीएमओ प्रशिक्षण में गए थे, उस वक्त भी सीएमओ का चार्ज उनके पास ही था। सीयूजी फोन होने के कारण वह काफी परेशान रहते थे। पिछले दो तीन दिनों से वह सो नहीं पा रहे थे। पूछने पर कुछ भी नहीं बताते थे। पुत्र अजीम की मानें तो वह तनाव में होने के बाद भी परेशानी शेयर नहीं करते थे। इनसेट
रात में 1.54 बजे अपडेट किया स्टेट्स
- डॉ. हसन ने गत रविवार की शाम को जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मलिक आलमगीर से बात की। उनके मुताबिक जिस समय बात हुई वह काफी खुश थे। रात में एक बजकर 54 मिनट पर उन्होंने वाट्सएप पर अपना स्टेट्स अपडेट करते हुए गुड नाइट लिखा।