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ब्लॉक कर्मियों की मिलीभगत से हुआ सरकारी धन का बंदरबांट

सवालों के घरे में बेलसर ब्लॉक में तैनात कर्मियों का कारगुजारी

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 10:36 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 05:10 AM (IST)
ब्लॉक कर्मियों की मिलीभगत से हुआ सरकारी धन का बंदरबांट
ब्लॉक कर्मियों की मिलीभगत से हुआ सरकारी धन का बंदरबांट

गोंडा : मनरेगा के तहत बिना कार्य कराए ही भुगतान करने के मामले में ब्लॉक कर्मियों की कारगुजारी सवालों के घेरे में आ गई है। ऐसे में अब लोग कर्मियों की मिलीभगत से कई गांवों में बिना कार्य कराए ही भुगतान की आशंका जता रहे हैं। यदि थोड़ी सी सजगता बरती जाती तो ये घोटाला न होता।

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मनरेगा के तहत भुगतान की कार्यवाही ब्लॉक स्तर से पूरी की जाती है। विभागीय व्यवस्था के अनुसार खंड विकास अधिकारी व अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी स्थलीय निरीक्षण के बाद भुगतान करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान न सिर्फ किसानों का गुपचुप चयन कर लिया गया बल्कि, बिना कार्य कराए ही 78792 रुपये का भुगतान भी हो गया। किसानों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब मामला खुला तो दबाने का प्रयास किया गया लेकिन, किसानों ने सीडीओ से मिलकर शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद हुई जांच ने ब्लॉक से लेकर गांव तक जिम्मेदार लोगों की कारगुजारी का राजफाश कर दिया। घोटाले को लेकर मामले में तो एफआइआर आनन-फानन में दर्ज करा दी गई लेकिन, विभागीय कार्रवाई अभी तक किसी के खिलाफ नहीं हो सकी। इनसेट

इन पर दर्ज हुई है एफआइआर

- खंड विकास अधिकारी बेलसर सदानंद चौधरी की तहरीर पर ग्राम प्रधान सरोजन, ग्राम विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार व तकनीकी सहायक राम उबारन तिवारी के खिलाफ गबन का मुकदमा उमरीबेगमगंज थाने में दर्ज हुआ है। एसओ रतन कुमार पांडेय का कहना है कि मामले की विवेचना कराई जा रही है।


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