रास्ते के किनारे लगी थी मूंज, मुजेहना पड़ गया गांव का नाम
गोंडा : सदर तहसील का मुजेहना गांव भी अतीत की यादें संजोए हुए है। बुजुर्गों की मानें तो गांव
गोंडा : सदर तहसील का मुजेहना गांव भी अतीत की यादें संजोए हुए है। बुजुर्गों की मानें तो गांव को जाने वाले रास्तों के दोनों तरफ काफी दूरी में मूंज लगी हुई थी। मूंज गांव की पहचान बन गई, जब गांव को पंचायत का दर्जा मिला तो इसका नाम मुजेहना पड़ गया। इसी गांव के नाम पर पहले ब्लॉक बना, फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी खुल गया। मुख्यालय होने के कारण काफी दिनों तक मुजेहना के नाम से विधानसभा क्षेत्र भी रहा। 2004 के लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र का नाम बदलकर मेहनौन कर दिया गया।
इनसेट
इन पर है नाज
-पुलिस सेवा में रामतेज कोतवाल के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सुरेश कुमार ¨सह, अवधेश कुमार, मो. अहमद, बाबूराम अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। एडीओ पंचायत श्याम लाल भी मुजेहना ब्लाक से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
आजीविका का साधन
- गांव में कुछ लोग व्यवसाय तो कुछ लोग मजदूरी करके आजीविका चलाते हैं। सरकारी नौकरी के साथ ही प्राइवेट सेक्टर में काम करते है। गांव में रोजगार के साधन न होने के कारण दूसरे राज्य में नौकरी करते हैं। इसके लिए खेती किसानी भी होती है।
आधारभूत ढांचा
- गांव में 8 मजरे हैं। मुजेहना खास, गोरथनिया, मुजेहनी, लखेश्वरनाथ, दूबेपुरवा, बिचलापुरवा, ककरहवा, लालीपोखरा शामिल है। आबादी 3350, मतदाता 2625 है। गांव में तीन प्राइमरी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदि है। थाने की दूरी तीन किलोमीटर है।
यह हो तो बने बात
- गांव में पक्की सड़क बदहाल है। जलनिकासी के इंतजाम नहीं है। स्वच्छ पेयजल के लिए पाइप लाइन परियोजना की जरूरत है। राजकीय इंका के साथ ही अन्य सुविधाओं की आवश्यकता है।