लॉकडाउन में एक्सपायर हो गईं 90 लाख रुपये की दवाएं
अस्पताल बंद होने से दवा व्यवसाय पर पड़ा असर उलझन में व्यापारी हृदय रोग ब्लड प्रेशर व अन्य बीमारियों की दवाओं का स्टॉक डंप
गोंडा: कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लोगों के घरों से निकलने में पाबंदी लग गई। हालांकि दवा की दुकानें तो खुली रहीं लेकिन, अस्पतालों की बंदी के कारण लोग दुकानों पर कम ही निकले। ऐसे में एंटी बायोटिक हो या फिर शुगर, ब्लड प्रेशर अथवा गैस की दवा. दुकानों में रखे-रखे वह एक्सपायर (कालातीत) होने लगीं। दो माह के भीतर जिले में चल रही दवा की तीन हजार दुकानों का भट्ठा बैठ गया। इस अवधि में 90 लाख रुपये की दवाएं बिक्री न होने के कारण एक्सपायर हो गईं। इससे दवा व्यापारियों को तगड़ी चोट लगी।
लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से अस्पतालों में ताला लग गया। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही संचालित की गईं। यह बात अलग है कि आवश्यक वस्तुओं की कैटेगरी में शामिल दवा की दुकानें खुली थीं। इसके बाद भी ओपीडी न चलने के कारण दवा की दुकानों पर दवाएं डंप रह गईं। ऐसे में हृदय रोग व अन्य बीमारियों की दवाएं एक्सपायर हो गईं।
- महिला अस्पताल के सामने स्थित एक मेडिकल स्टोर में करीब दस हजार रुपये से अधिक की कीमत की दवाएं एक्सपायर हो गईं। दवा व्यवसायी अमित कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में काफी नुकसान हुआ है।
- महिला अस्पताल के समीप स्थित मेडिकल स्टोर में 12 हजार रुपये से अधिक की दवाएं एक्सपायर हो गई हैं। दुकान मालिक ने बताया कि कंपनियों से वापसी की बात चल रही है।
इनकी सुनिए: केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि लॉकडाउन में जिले में 90 लाख रुपये से अधिक की दवाएं एक्सपायर हो गई हैं। ऐसे में दवा व्यापारियों के सामने बड़ा संकट है। दवा कंपनियों से बात चल रही है। जल्द ही सार्थक हल निकलने की उम्मीद है।