मजदूरों का छीना हक, मनरेगा में चलाई जेसीबी
प्रधान बेबीरानी ने आरोपों को निराधार बताया है। वहीं पूर्व प्रधान साधना सिंह का कहना है कि गांव के कुछ लोग फर्जी शिकायत करके बदनाम कर रहे हैं। वहीं जब प्रभारी बीडीओ सदानंद चौधरी का पक्ष जानने के लिए प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
गोंडा : बेलसर के आदमपुर में निर्माणाधीन गो आश्रय केंद्र भी अनियमितता में फंस गया है। यहां मनरेगा के तहत कराए गए कार्य में मजदूरों की जगह जेसीबी का प्रयोग किया गया। बेसहारा पशुओं को आसरा देने के लिए हर गांव में गो आश्रय केंद्र बनाने की मुहिम चल रही है। कार्य कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत तो कहीं क्षेत्र पंचायत को सौंपी गई है। निगरानी की व्यवस्था होने के बावजूद गड़बड़ियां नहीं रुक रही हैं। फिलहाल, डीएम डा. नितिन बंसल ने सीडीओ को मामले की जांच कराकर कार्रवाई का निर्देश दिया है। इनसेट
पुलिस भी हो गई बेबस
- गांव के ही राममूर्ति सिंह, कृष्ण चंद्र सिंह व वीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एक सितंबर को गो आश्रय केंद्र में मिट्टी का कार्य मजदूरों से न कराकर जेसीबी से कराया गया। इसकी जानकारी मिलने पर अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई गई। पांच सितंबर को ही रात में जेसीबी का प्रयोग किया गया। प्रधान बेबीरानी, पूर्व प्रधान साधना सिंह की मौजूदगी में लोग खड़े होकर जेसीबी से कार्य करा रहे थे। मना करने पर वह लोग मारपीट पर अमादा हो गए। इसके बाद सूचना डायल 100 पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्य रोकवा दिया लेकिन, जब जेसीबी थाने ले जाने लगी तो उक्त लोग विवाद करने लगे और मशीन लेकर अपने घर चले गए। जिम्मेदारों के तर्क
- प्रधान बेबीरानी ने आरोपों को निराधार बताया है। वहीं, पूर्व प्रधान साधना सिंह का कहना है कि गांव के कुछ लोग फर्जी शिकायत करके बदनाम कर रहे हैं। वहीं, जब प्रभारी बीडीओ सदानंद चौधरी का पक्ष जानने के लिए प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।