नदी के जलस्तर में इजाफे से ग्रामीणों की मुश्किल बढ़ी
खतरे के निशान से 90 सेमी. ऊपर बह रही घाघरा सुरक्षित स्थानों की तलाश में जुटे ग्रामीण
गोंडा: नदियों का बढ़ रहा जलस्तर अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। भिखारीपुर-सकरौर तटबंध टूटने के बाद गांव को बाढ़ की तबाही से बचाने के लिए बनाए गए रिग बांध पर बाढ़ का पानी दबाव बनाने लगा है। सिचाई विभाग रिग बांध को मजबूत करने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है। तटबंध के किनारे किनारे ईंटों से भरी बोरियां लगाई जा रही हैं। तटबंध की ऊंचाई को बढ़ाने का काम चल रहा है। बिशुनपुरवा के पास बच्चा राम यादव के घर के सामने एक बार फिर कटान शुरू हो गई। यहां बीते सप्ताह तटबंध कटते-कटते बचा था। सिचाई विभाग के अधिकारी एक बार फिर रिग बांध को सुरक्षित होने का दावा कर रहे हैं। उधर, ऐलीपरसौली के रामफेर पुरवा, दक्षिणी माझा, गोड़ियाना, डिवहार थान, अछैबर पुरवा दौलतपुरवा सहित 33 मजरे बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुसने लगा है। इससे माझा वासियों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। घाघरा नदी का जलस्तर एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 90 सेमी. ऊपर रिकॉर्ड किया गया है।
प्रशासन की तरफ से राहत के नाम पर महज 18 नावें लगाई गई हैं। कटान की चपेट में आने की वजह से करीब आधा दर्जन मजरों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। जिससे लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं। ग्रामीणों ने केरोसिन वितरित करने की मांग उठाई है। बिशुनपुरवा में एसडीएम तरबगंज राजेश कुमार अपनी पूरी टीम के साथ कैंप कर रहे हैं। सहायक अभियंता बाढ़ कार्य खंड प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि बच्चा राम के घर के सामने कटान शुरू हूई थी। डैमेज कंट्रोल कर लिया गया है। रिग बांध को मजबूत कर लिया गया है। अब कोई दिक्कत नहीं है।