पात्रों के सिर पर छत नहीं, अपात्रों को दिया आवास
र नहीं है। जिसकी बानगी ग्राम पंचायत पैरौरी है। यहां के निवासी रामकरन का पहले से पक्का मकान बना था। फिर भी उन्हें प्रधान मंत्री आवास का लाभ दिया गया है। पहले से बने आवास के आगे उन्होंने नया आवास बनाकर चहारदीवारी में
गोंडा : आवास विहीन गरीबों को छत मुहैया कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित की थी। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण अपात्रों को पात्र बनाकर रेवड़ी की तरह आवास बांटा गया है। जबकि पात्र इधर उधर चक्कर लगा रहे हैं लेकिन, उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं है। इसकी बानगी कर्नलगंज तहसील क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत पैरौरी है।
यहां के निवासी रामकरन का पहले से पक्का मकान बना था। फिर भी उन्हें प्रधान मंत्री आवास का लाभ दिया गया है। पहले से बने आवास के आगे उन्होंने नया आवास बनाकर चहारदीवारी में बड़ा सा गेट भी लगा लिया है। जूड़ापुरवा निवासी राधेश्याम का कई कमरे का मकान बना है। इन्हें भी आवास की पहली किस्त जारी की गई थी, जिससे नींव भरी गई है। इसी गांव के सियाराम का पहले से पक्का मकान बना था, उन्हें भी आवास का लाभ दिया गया है, जिसका निर्माण चल रहा है। भयपुरवा निवासी रईस अहमद व मुनीश अहमद का पक्का मकान पहले से बना था। फिर भी इन्हें आवास दे दिया गया, जो बनकर तैयार है।
अमृतपुरी पुरवा निवासी रामनिवास कहते हैं कि वह गरीब हैं। आवास पाने के पात्र हैं लेकिन, उन्हें आवास नहीं दिया गया है। जबकि जिसका पहले से मकान बना था, उसे लाभ दिया गया है। बिट्टो देवी कहती हैं कि आवास पाने के लिए उनके पति दौड़ लगाकर थक गए लेकिन किसी ने नहीं सुना। लगता है जीवन छप्पर के नीचे ही बीत जाएगा। रानी कहती हैं कि गरीबी के कारण वह आवास नहीं बनवा सकीं। ग्राम विकास अधिकारी विमलेश कुमार कहते हैं कि इस समय हड़ताल चल रही है। फाइल देखने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।