दिव्यांग बनेंगे समर्थ, गुणों का होगा विकास
परिषदीय स्कूलों में नामित किए जाएंगे नोडल टीचर दिव्यांग बचों को दिया जाएगा मेडिकल असेसमेंट
गोंडा : सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार है। इसके लिए सामान्य बच्चों की तरह ही दिव्यांग बच्चों को समर्थ बनाया जाएगा। आउट आफ स्कूल दिव्यांग बच्चों की पहचान से लेकर नामांकन व उनकी जरूरतों के लिए नोडल टीचर नामित किए जाएंगे। इतना ही नहीं, इन बच्चों को मेडिकल असेसमेंट भी प्रदान किया जाएगा।
जिले के परिषदीय स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। इनको सीखने के समान अवसर देने के साथ ही शैक्षणिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी दी जाएगी। इनकी दक्षता, क्रियाशीलता व कार्य कुशलता से संबंधित बाधाओं को दूर करने के प्रबंध किए जाएंगे। इनके स्वास्थ्य की स्क्रीनिग कराई जाएगी। पढ़ाई के लिए समर्थ प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। जिला समन्वयक समेकित शिक्षा राजेश सिंह ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में 4600 दिव्यांग बच्चे पंजीकृत हैं। इनको बेहतर शैक्षिक माहौल देने के लिए स्कूलवार नोडल टीचर नामित किए जाएंगे। यह दायित्व प्रधानाध्यापक को सौंपा जाएगा।