आत्मरक्षा के प्रशिक्षण में ली जाएगी बाहरियों की मदद
गोंडा जूनियर हाईस्कूलों में अध्ययनरत छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने में बाहरियों की मदद ली जाएगी। राज्य परियोजना निदेशक से अनुमति मिल गई है।
गोंडा : जूनियर हाईस्कूलों में अध्ययनरत छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने में बाहरियों की मदद ली जाएगी। राज्य परियोजना निदेशक से अनुमति मिल गई है। सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय से नियुक्ति को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है। 15 दिनों के लिए अस्थाई तौर पर प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। ये परिषदीय स्कूलों में तैनात व्यायाम शिक्षकों व अंशकालीन अनुदेशकों को ताइक्वांडो, जूडो व कराटे का प्रशिक्षण देंगे।
महिला अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहीं 35 हजार छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाना है। तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा लेकिन, प्रशिक्षक नहीं हैं। ऐसे में सत्र के छह बीतने के बाद भी योजना का क्रियान्वयन नहीं हो सका है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उचित मार्गदर्शन मांगा था कि किस तरह से प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाए ? इसको लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। प्रशिक्षण के लिए प्रथम वरीयता विभाग के खेलकूद अनुदेशक को दी जानी है लेकिन, यदि कोई नहीं है तो जिला समन्वयक लिखित रूप से इसकी पुष्टि करेंगी, जिसके बाद 15 दिनों के लिए खेल निदेशालय व मान्यता प्राप्त खेल संस्थानों से योग्य प्रशिक्षक की सेवाएं ली जा सकती हैं। निर्धारित तिथि के बाद उनकी सेवाएं स्वत: समाप्त हो जाएगी। तीन हजार रुपये दिए जाएगा मानदेय
- सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण प्रदान करने वाले प्रशिक्षक को 15 दिनों के लिए तीन हजार रुपये मानदेय प्रदान किए जाएंगे। बीएसए को निर्धारित वित्तीय नियमों का पालन करते हुए धनराशि का भुगतान करना है। बोलीं जिम्मेदार
- जिला समन्वयक बालिका शिक्षा रजनी श्रीवास्तव ने बताया कि मार्गदर्शन मिल गया है। प्रशिक्षक की तैनाती के लिए प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया जाएगा।