रोशनी पर बजट का अंधेरा, दशक भर बाद भी सपना अधूरा
रमन मिश्र गोंडा देवीपाटन मंडल समेत पश्चिमी जिलों को बिजली मुहैया कराने के लिए जिस पॉवर
रमन मिश्र, गोंडा :
देवीपाटन मंडल समेत पश्चिमी जिलों को बिजली मुहैया कराने के लिए जिस पॉवर स्टेशन के निर्माण की कवायद शुरू हुई थी। वह दशक बीतने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी। इस पर करीब 500 करोड़ से अधिक की धनराशि भी खर्च हो गई। आधा-अधूरा कार्य छोड़कर कार्यदायी संस्था फरार हो गई। बाद में संस्था को ब्लैकलिस्ट(काली सूची में) डाल दिया गया। अब इसे पूरा कराने के लिए एक बार दोबारा कवायद शुरू हुई है।
क्या थी योजना: 11वीं पंचवर्षीय योजना में वर्ष 2005-06 में इस परियोजना को भारत सरकार ने हरी झंडी दी थी। गोंडा को सीधे नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन टांडा से जोड़ने की कार्ययोजना तैयार हुई थी। गोंडा में 400 केवी का पॉवर स्टेशन बनाने का काम शुरू हुआ। यहां से बहराइच में 220 केवी, भिनगा में 132 केवी व उतरौला में 132 केवी उपकेंद्रों को बिजली आपूर्ति की जानी थी। टांडा से गोंडा को एक हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति किए जाने की कार्ययोजना थी। मंडल में 150 मेगावाट बिजली की खपत के साथ ही 850 मेगावाट बिजली शाहजहांपुर, बरेली समेत प्रदेश के पश्चिमी जिलों को आपूर्ति होनी थी। यहां चिन्हित की गई थी जमीन
-गोंडा में पॉवर हाउस का निर्माण कराने के लिए लौव्वा टेपरा में करीब 42.5 एकड़ जमीन खरीदी गई। इस पर पूरा काम हो चुका है। 2011- 12 तक पूरा निर्माण कर लिया जाना था। बीच में ही आइसोलेट प्राइवेट कंपनी के पास पैसा खत्म हो गया। कोर्ट ने उसे बैंक ड्राफ्ट घोषित कर दिया। बाद में संस्था को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। इससे लाइन पूरी नहीं हुई और काम अधूरा रह गया। 241 फाउंडेशन के बजाय टांडा से गोंडा तक 96 फाउंडेशन ही बनाया जा सका। इसमें 54 पर टॉवर खड़ा हो सका है। बाकी कंपनी ने छोड़ दिया। आधी क्षमता पर लौव्वा टेपरा में स्थित पॉवर हाउस काम कर रहा है। यहां गोंडा से बिजली मनकापुर व कर्नलगंज को दी जा रही है। अगर वह अंबेडकर नगर व टांडा से जुड़ गया होता तो पूरी क्षमता के साथ काम करता।
शीघ्र पूरा होगा काम
-विद्युत पारेषण खंड अधिशासी अभियंता उदय प्रताप ने बताया कि आइसोलेट प्राइवेट कंपनी ब्लैक लिस्ट घोषित हो चुकी है। अब भारत सरकार कार्य पूरा कराएगी। जल्द ही अधूरे कार्य को पूरा करा लिया जाएगा।