जनता ने चुन ली सरकार, फिर भी गांव में विकास का इंतजार
जिले की 1205 ग्राम पंचायतों में हुए थे प्रधान व सदस्यों के चुनाव एक सप्ताह बाद भी नहीं हो सका ग
जिले की 1205 ग्राम पंचायतों में हुए थे प्रधान व सदस्यों के चुनाव, एक सप्ताह बाद भी नहीं हो सका ग्राम पंचायतों का गठन,
जासं, गोंडा : विकास की नई उम्मीदों को संजोकर जनता ने गांव की नई सरकार के पक्ष में अपना फैसला 19 अप्रैल को ही सुना दिया था। इसके बाद वोटों की गिनती दो मई को हुई। निर्वाचित प्रधान व सदस्यों को प्रमाण् पत्र तो मिल गया लेकिन, गांव की सरकार चलाने का अधिकार अभी तक नहीं मिल सका। शासनादेश के इंतजार में न तो ग्राम पंचायतों का गठन हो सका और न ही नए कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम का ऐलान। ऐसे में सरकार चुनने के बावजूद जनता को गांव के विकास को लेकर इंतजार करना पड़ रहा है। जिले की 1205 ग्राम पंचायतों में प्रधान व सदस्यों के चुनाव कराए गए थे।
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गांव में प्रभावित हैं ये कार्य
- संपर्क मार्ग की पटाई
- नाला सफाई
- तालाब सुंदरीकरण
- पंचायत भवन निर्माण
- सामुदायिक शौचालय निर्माण
- व्यक्तिगत शौचालय निर्माण
- आंगनबाड़ी भवन निर्माण
- सीसीरोड निर्माण
- इंटरलॉकिग कार्य आदि। परलोक सिधार गए चार प्रधान
- जिले की चार ग्राम पंचायतों में निर्वाचित प्रधान परलोक सिधार चुके हैं। कर्नलगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत धनावा व परसपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत चरहुंआ में मतदान के बाद प्रत्याशी की मौत हो गई थी। मतगणना में इन्हें विजेता घोषित किया गया। तरबगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत गौहानी में निर्वाचत प्रधान सतपाल पांडेय व कटराबाजार ब्लॉक की ग्राम पंचायत टेढ़ी में निर्वाचित प्रधान राजेंद्र सिंह की निर्वाचन के बाद कोरोना से मौत हो गई। अब इन गांवों में प्रधान पद का उपचुनाव होने के बाद ही ग्राम पंचायतें कार्य करा सकेंगी। फिलहाल, इन गांवों में प्रशासक की तैनाती होगी।
जिम्मेदार के बोल
नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान व सदस्यों के शपथ ग्रहण को लेकर अभी कोई पत्र शासन से नहीं आया है। पत्र आते ही शपथ ग्रहण व ग्राम पंचायत के पहली बैठक की तैयारी की जाएगी।
- सभाजीत पांडेय, डीपीआरओ गोंडा