जंक फूड खाने से युवाओं में बढ़ी हड्डी रोग की समस्या, गोंडा जिला अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे 70 प्रतिशत मरीज
Fast Food के बढ़ते चलन और नियमित व्यायाम न करने से हड्डियां कमजोर हो रही हैं। इसी का परिणाम है कि थोड़ा सा भारी वजन उठाने या मामूली सी चोट लगने पर भी हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जा रही हैं।
गोंडा, संवाद सूत्र। भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्टफूड के बढ़ते चलन व अनियमित खानपान अब बुजुर्गों की ही नहीं, युवा हड्डियों में भी टीस भर रही है। इसकी गवाही जिला अस्पताल में बढ़ते युवा हड्डी मरीजों की संख्या दे रही है। प्रतिदिन 250 की ओपीडी में 70 प्रतिशत मरीज हड्डियों में बढ़े दर्द वाले होते हैं। जबकि 30 प्रतिशत मरीज ऐसे होते हैं जिनकी हड्डियां क्षतिग्रस्त हो चुकी होती हैं। 20 से 25 मरीज ऐसे भी होते हैं जो युवावस्था में होने के बाद भी गर्दन व कमर दर्द की पीड़ा झेल रहे होते हैं।
ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर कार्य करने व रात को अधिक देर तक बिस्तर पर गलत तरीके से लेटकर मोबाइल देखने से उन्हें गर्दन व कमर दर्द की दिक्कत होने लगती है। यह परेशानी पहले मामूली दर्द से शुरूआत होती है लेेकिन, बाद में असहनीय हो जाती है।
फास्ट फूड भी हड्डियाें को बना रहा कमजोर : हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. हरि ओम वर्मा ने बताया कि फास्ट फूड के बढ़ते चलन व नियमित व्यायाम न करने से हड्डियां कमजोर हो रही हैं। इसी का परिणाम है कि थोड़ा सा भारी वजन उठाने या मामूली सी चोट लगने पर भी हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जा रही हैं।
अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 30 प्रतिशत मरीज हड्डियां क्षतिग्रस्त होने की परेशानी लेकर पहुंचते हैं लेकिन, इनमें 20 प्रतिशत ऐसे होते हैं जिनकी हड्डी मामूली चोट में क्षतिग्रस्त या टूट चुकी होती है। जागरूकता के अभाव में लोग घरेलू इलाज के चक्कर में पड़े रहते हैं।
नियमित व्यायाम व मेहनत से बचना भी है बड़ा कारण : हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. पीएन सिंह ने बताया कि हड्डियों को मजबूत रखने के लिए पौष्टिक भोजन, फल व दूध लेना चाहिए लेकिन, मनुष्य के भोजन में अब प्रोटीन व विटामिन की मात्रा कम होती जा रही है। साथ ही नियमित व्यायाम व मेहनत से भी लोग कतरा रहे हैं। युवाओं को चाहिए कि वह पौष्टिक भोजन के साथ नियमित व्यायाम करें जिससे हड्डियों में मजबूती व शरीर में लचीलापन बना रहे।