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बिस्कुट बेचने वाले की बेटी बता रही जीवन बचाने का रास्ता

उसकी आजादी दी। इसी का नतीजा रहा कि कक्षा में नौ में रहते हुए उसने किताब लिख दी। 10वीं की यूपी बोर्ड परीक्षा में अंग्रेजी में 100 में से 99 नंबर हासिल किया। उसकी दूसरी किताब भी कुछ अलग होगी

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 11:08 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 11:08 PM (IST)
बिस्कुट बेचने वाले की बेटी बता रही जीवन बचाने का रास्ता
बिस्कुट बेचने वाले की बेटी बता रही जीवन बचाने का रास्ता

गोंडा : नवाबगंज कस्बे के घंटाघर निवासी अनिल कुमार खेतान बिस्कुट, नमकीन बेचकर जीवन की गाड़ी चला रहे। पत्नी अर्चना गृहिणी हैं। इनकी होनहार बेटी वृंदा लोगों के जीवन को बचाने व उन्हें सही रास्ता दिखाने का काम कलम के जरिए कर रही हैं। महज 14 वर्ष की उम्र में 262 पेज की किताब लिख डाली। इंग्लिश में लिखी इनकी किताब ऑन लाइन व ऑफ लाइन बिक्री में धूम मचा रही। पढ़ाई में अव्वल होने के साथ ही वह 11वीं कक्षा में रहते हुए दूसरी किताब लिख रहीं। यह छात्रा अन्य बेटियों के लिए मिसाल है।

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वृंदा कक्षा दो से दस तक अयोध्या के कनौसा कान्वेंट में पढ़ीं। जब वह नौवीं कक्षा में थीं तो दो महीने की छुट्टी में किताब लिख डाली। अंग्रेजी में लिखी गई किताब ए क्रॉस रोड विटविन फ्रेंडशिप एंड पैशन, लीक से हटकर है। इसमें उन्होंने बच्चों को क्या करना चाहिए और अभिभावक क्या करें, जीवन अमूल्य है इसे प्रेम पूर्वक कैसे जिया जाए, इन सब पहलुओं पर जोर दिया है। यही कारण है कि यह किताब दिल्ली, मुंबई व बंगलुरु आदि में धूम मचा रही। अबतक इस किताब की करीब पांच सौ प्रतियां ऑनलाइन व ऑफनाइन बिक चुकी हैं। इस सराहनीय कार्य के लिए गत मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्मानित भी किया। वर्तमान में वृंदा अयोध्या स्थित जेबी एकेडमी में कक्षा 11 में पढ़ रही हैं। इस समय वह दो बहनों की कहानी पर किताब लिख रहीं। इनका कहना है कि किताबें लिखने का मकसद पैसे कमाना नहीं बल्कि लोगों को जागरूक कर उनके जीवन को बचाना है। जीवन अनमोल है, इसलिए खुद से और औरों से प्यार करना चाहिए।

----छोटे से कस्बे में जन्मी वृंदा को अंग्रेजी में महारत-जिले के पूर्वी छोर पर है छोटा सा कस्बा नवाबगंज। यहां से करीब 20 किमी की दूरी तय कर वृंदा रोजाना टैक्सी वाहन से स्कूल जाती हैं। पिता अनिल कुमार खेतान कहते हैं कि उन्होंने बेटी के लिए कुछ खास नहीं किया, सिर्फ जो वह करना चाहती है, उसकी आजादी दी। इसी का नतीजा रहा कि कक्षा में नौ में रहते हुए उसने किताब लिख दी। 10वीं की यूपी बोर्ड परीक्षा में अंग्रेजी में 100 में से 99 नंबर हासिल किया। उसकी दूसरी किताब भी कुछ अलग होगी।


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